Sunday, November 17, 2024
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‘पहले अपनी पत्नी को भेजो, तभी तुम्हें गाँव में घुसने देंगे’, TMC नेता मुजफ्फर ने धमकाया, Video में सुनें आपबीती

टीएमसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी के बारे में पिंकी के पति साधन ने कहा, "2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद मुसलमानों ने गाँव में हिंदू परिवारों पर हमला किया।"

बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हिंसा और हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक हालिया घटना में, उत्तर 24 परगना जिले के मीनाखान (Minakhan) विधानसभा क्षेत्र के मुजफ्फर नामक टीएमसी नेता द्वारा एक दलित बीजेपी महिला कार्यकर्ता के पति को धमकाने और महिला कार्यकता को लेकर अश्लील टिप्पणी करने का मामला सामने आया है।

बीजेपी उम्मीदरवार और सामाजिक संगठन सिंह वाहिनी के अध्यक्ष देवदत्त माजी द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में टीएमसी नेता मुजफ्फर की गुंडई का खुलासा हुआ। इस वीडियो में हिंदू दलित बीजेपी कार्यकर्ता पिंकी बाज के पति ने कहा कि टीएमसी नेता मुजफ्फर ने गाँव में वापसी के लिए उनके सामने शर्त रखते हुए कहा, ”अपनी पत्नी पिंकी को कुछ दिनों के लिए मेरे पास भेजो, उसके बाद ही हम तुम्हें गाँव में वापस आने देंगे।”

पिंकी बाज (क्षेत्र में बीजेपी महिला शाखा की कोषाध्यक्ष), उनके पति साधन बाज और कई अन्य हिंदुओं को 2 मई को विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद तृणमूल कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई राजनीतिक हिंसा के बाद अपने मुस्लिम बहुल गाँव से भागना पड़ा था। बीजेपी नेता देवदत्त माजी ने उपरोक्त वीडियो उस जगह जाकर बनाया है, जहाँ पिंकी समेत कुछ अन्य हिंदुओं ने अपने गाँव से भागकर शरण ली है।

मुस्लिम बहुल गाँव में हिंसा के बाद हिंदुओं को भागना पड़ा

टीएमसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी के बारे में पिंकी के पति साधन ने कहा, “2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद मुसलमानों ने गाँव में हिंदू परिवारों पर हमला किया।” ”हम सब अपने शरीर पर सिर्फ कपड़े लेकर भाग गए। बाद में जब मैंने स्थानीय (तृणमूल कॉन्ग्रेस) समिति के नेता मुजफ्फर बेग को फोन किया, तो उसने कहा, ”पहले अपनी पत्नी को भेजो, उसके बाद तुम आ सकते हो।”

पिंकी के पोलिंग बूथ में करीब 769 मतदाता हैं, जिनमें से 67 हिंदू हैं और बाकी मुस्लिम हैं। पिंकी ने पीएम से अनुरोध करते हुए कहा, “हम मोदी जी से अनुरोध करते हैं कि मुसलमानों द्वारा हम पर किए जा रहे अत्याचारों से हम हिंदुओं की रक्षा करें।”

2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर 24 परगना जिले में लगभग 26% मुस्लिम आबादी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जिला चुनाव पूर्व और बाद की हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। चुनावों से पहले, यहाँ सैकत भवन, मनीष शुक्ला जैसे बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं की हत्याएँ हुई थीं।

बंगाल में 2 मई को आए विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से ही सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने किस कदर राजनीतिक हिंसा की, ये किसी से छिपा नहीं है। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही टीएमसी नेताओं द्वारा बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की हत्या किए जाने के अलावा महिलाओं का यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए। मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंसा से परेशान हजारों की संख्या में हिंदुओं को अपना घार-बार छोड़कर असम में शरण लेनी पड़ी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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