अमेरिकन कॉमेडियन “पैट्रियट एक्ट” और “द डेली शो” के पूर्व होस्ट हसन मिन्हाज ने “द किंग्स जस्टर” सहित अपने पिछले स्टैंड-अप शो में भावनात्मक सच के नाम पर झूठ परोसा है। हालाँकि, ये शो नेटफ्लिक्स पर टॉप रेटेड हैं। दरअसल, हसन-मिन्हाज ने हाल ही में द न्यू यॉर्कर में छपी एक रिपोर्ट में यह स्वीकार किया है कि मैंने कॉमेडी के नाम पर जो भी बोला वो सब सच नहीं था। चाहे वो नस्लीय भेदभाव की बात हो, एंथ्रेक्स स्टोरी, बेटी के हॉस्पिटल में एडमिट होने की सब फेक है जिसे बस सहानुभूति और पब्लिक अटेंशन के लिए कंटेंट के रूप में इस्तेमाल कर दर्शकों को सच के नाम पर बेवकूफ बनाया गया।
द न्यू यॉर्कर में क्लेयर मेलोन की एक रिपोर्ट में मिन्हाज ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपनी स्टैंड-अप कहानियों में दर्शकों के साथ ऐसे कई किस्से साझा किए हैं। जो तथ्यात्मक रूप से सच नहीं है, बल्कि अपनी लोकप्रियता, कंटेंट और एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जोड़-तोड़ और झूठ के सहारे परोसा गया है। अभी तक जिन कहानियों और कटाक्ष को लोग सच मान रहे थे। वही इस नए खुलासे के बाद लोग खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं और अब सोशल मीडिया पर मिन्हाज को खरी-खोटी सुना रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, “जब मैंने पहली बार आज का हसन मिन्हाज पर आर्टिकल देखी तो दिमाग चकरा गया क्योंकि हम सभी मंच के लिए कहानियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं और एडिट करते हैं, लेकिन इसे पढ़ने के बाद मैं वास्तव में भौचक्का रह गया, दरअसल, यह सायकोटिक व्यवहार है और यह स्टैंडअप कॉमेडी के पूरे उद्देश्य को ही विफल कर देता है।”
I rolled my eyes when I first saw today’s Hasan Minhaj article because we all exaggerate and edit stories for the stage but after reading it I’m actually floored, this is psychotic behavior and it defeats the entire purpose of standup comedy. https://t.co/FWYdxRw2sj
— Jeremy McLellan (@JeremyMcLellan) September 15, 2023
रिपोर्ट में, मिन्हाज ने खुद ही खुलासा किया है कि उनकी हास्य शैली में 70% बातें भावनात्मक होती हैं जिसका अर्थ है कि ये घटनाएँ किसी न किसी रूप में घटित हुई हैं, लेकिन उनकी नहीं है और शेष 30% अतिशयोक्ति और कल्पना का मिश्रण है। कुल मिलाकर जिसे वो भावनात्मक सच कह रहे हैं वह भी उनकी न होकर किसी और की है।
मिन्हाज ने इसी रिपोर्ट में कबूल किया है, “मेरी शैली की हर कहानी सच्चाई के इर्द-गिर्द बुनी गई है। मेरी कॉमेडी अर्नोल्ड पामर सत्तर प्रतिशत ‘भावनात्मक सच्चाई’ है और फिर तीस प्रतिशत अतिशयोक्ति, कल्पना है।” एक तरह से, मिन्हाज ने अपनी कहानियों में अपने श्रोताओं के सामने सीधे-सीधे झूठ परोसने का खुद ही दावा किया है और इसे “भावनात्मक सच्चाई” के नाम पर उचित ठहराने की कोशिश की है।
मेलोन ने मिन्हाज को उनके स्टेज शो की याद दिलाते हुए कहा भी है, “भावनात्मक सच्चाई पहले है। तथ्यात्मक सच्चाई बाद में है।” दूसरे शब्दों में कहें तो झूठ ज़्यादा और सच बहुत कम है।
आपको याद होगा हसन ने अपने शो “द किंग्स जस्टर” में एक दर्दनाक घटना शेयर की थी जिसमें एक रहस्यमय सफेद पदार्थ वाले एक लिफाफे का जिक्र था जो उनके घर पर आया था। जिसको देखकर उनका शुरुआती डर यह था कि यह एंथ्रेक्स हो सकता है। जैसा कि कॉमेडियन हसन मिन्हाज ने अपने विशेष कार्यक्रम के दौरान बताया था। इसी शो में उन्होंने यह भी कहा वह सफ़ेद पाउडर गलती से उनकी बेटी पर गिर गया, जिससे बाद उन्हें हॉस्पिटल जाना पड़ा था। मिन्हाज ने शो में कहा था कि उन्हें तब राहत मिली, जब डॉक्टर ने पुष्टि की कि यह एंथ्रेक्स नहीं है।
अब उसी मिन्हाज ने द न्यू यॉर्कर की रिपोर्ट में कबूल किया है कि उनकी बेटी कभी भी किसी सफेद पाउडर के संपर्क में नहीं आई थी या उसे अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता जैसी कोई बात नहीं थी।
इतना ही नहीं एक हास्य अभिनेता के रूप में, मिन्हाज ने नस्लीय भेदभाव का शिकार होने का भी रोना रोया है। उनकी कहानियों में से एक में एक लड़की द्वारा उन्हें एक प्रोग्राम में शामिल होने से मना कर दिया गया था। तब मिन्हाज ने आरोप लगाया था कि इसकी वजह था उनका ब्राउन होना था। लेकिन अब यह सामने आ गया है कि यह सब एक झूठ था।
मिन्हाज के कबूलनामे पर भड़के लोग
जाहिर है, मिन्हाज के हजारों प्रशंसक और दर्शक जो अब तक कॉमेडी के नाम पर उनकी कहानियों को सच मान रहे थे अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इस खुलासे के बाद हसन मिन्हाज ज़बरदस्त तरीके से ट्रोल किया जा रहा है।
गब्बर नाम के एक यूजर ने पोस्ट किया, “स्टैंड अप कॉमेडियन हसन मिन्हाज ने सहानुभूति बटोरने के लिए अपने खिलाफ नस्लवाद की कहानियाँ गढ़ी। यहाँ तक कि अपनी छोटी बेटी का भी इस्तेमाल किया। ये सब धोखेबाज हैं। ऐसे धोखाधड़ी करने वाले या तो उजागर हो चुके हैं, या उजागर होने का इंतजार कर रहे हैं।”
Hasan Minhaj the stand up comic, made up stories of racism against him, to garner sympathy. Even used his young daughter.
— Gabbar (@GabbbarSingh) September 16, 2023
All these performative wokes are charlatans. Frauds who either have been exposed, or are waiting to be exposed.
वहीं एक दूसरे यूज़र ने पोस्ट किया, “हसन मिन्हाज का मामला शिक्षाप्रद है। जब कोई समाज विक्टिमहुड को बढ़ावा देता है, तो हर कोई ऑप्रेशन ओलंपिक के शीर्ष पर पहुँचना चाहता है। जब पीड़ित होने से आपको पैसा और प्रसिद्धि मिलती है – तो पीड़ित होने का निर्माण भी किया जा सकता है। झूठ को “भावनात्मक सत्य” जैसी भाषा से उचित ठहराया जा सकता है।”
The Hasan Minhaj case is instructive. When a society promotes victimhood, everyone wants to reach the top of the Oppression Olympics™. When being a victim gets you money & fame – victimhood can even be manufactured. Lying can be justified with language like "emotional truths".
— Hardik Rajgor (@Hardism) September 16, 2023
अभिषेक द्विवेदी नाम के एक यूजर ने लिखा, “हसन मिन्हाज ने एक नया शब्द गढ़ा है: आप किसी और के सच को अपना सकते हैं और उसे अपने झूठ के साथ मिलाकर “भावनात्मक सच” बता सकते हैं। इसलिए, झूठ अब “भावनात्मक सच” है।
Hasan Minhaj has coined a new term: You can appropriate someone else’s truth and mix them with your lies to state “emotional truth”.
— Abhishek Dwivedi (@Rezang_La) September 16, 2023
So, lies are now “emotional truth”.
आप ऐसे और भी पोस्ट देख सकते हैं जहाँ हसन मिन्हाज को उसके झूठ के लिए ट्रोल किया गया है। वहीं कई वामपंथी उसके बचाव में भी उतर आए हैं।
In some ways Hasan Minhaj’s chronic lying reflects as poorly on his audience as on him. They don’t need him to be even minimally truthful as long as he says what they want to hear.https://t.co/2ahxsdkvmb pic.twitter.com/8csMkYQ6vD
— Sadanand Dhume (@dhume) September 15, 2023
बरखा दत्त ने पोस्ट किया है, “हसन मिन्हाज एक्सपोज़ में आज की एक्ट की तरह कहानी कहने की सभी गलतियाँ शामिल हैं – आप खुद को एक गहन शोध वाले व्यंग्यकार के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जो स्पष्ट रूप से पुरानी दुनिया के पत्रकारों की तुलना में अधिक दिलचस्प तरीके से समाचारों से डील करते हैं। लेकिन पकड़े जाने पर आप कहते हैं, आप अभिनेता हैं, पत्रकार नहीं।”
The #HasanMinhaj expose captures all that is wrong with todays performative storytelling – you present yourself as a deeply researched satire, evidently dealing with news more interestingly than old world reporters. When caught, you say, you're an actor not a journalist. UGH. https://t.co/iIgBbpLOUD
— barkha dutt (@BDUTT) September 16, 2023
इतना ही नहीं हसन मिन्हाज ने लोगों को भावनात्मक रूप से बेवकूफ बनाने में अपनी हर कहानी में जमकर झूठ परोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहाँ तक कि उसकी कॉमेडी में न सिर्फ मजहबी एजेंडा बल्कि मोदी विरोध भी शामिल रहा है। जिसका अब पूरी तरह से खुलासा हो गया है।