होली का त्यौहार आ गया है और लिबरलों और सेक्युलर गिरोह के कुछ लोगों को इससे दिक्कतें आनी भी शुरू हो गई हैं। पहले तो होली के अवसर पर पानी बचाने का ज्ञान दिया जाता था लेकिन चूँकि ये प्रोपेगंडा पुराना हो गया है और इसके पक्ष में अब वो कोई नया तर्क नहीं दे पाते, इसीलिए गिरोह विशेष भी क्रिएटिव हो चुका है। उनके गुट में क्रिएटिविटी का अर्थ है- किसी भी चीज को किसी ऐसे विषय से जोड़ देना, जिससे उसका दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध ही नहीं वो। इसीलिए, अबकी होली के अवसर पर जो बेढंगे तर्क देकर ज़हर फैलाया जा रहा है, उसे आपलोगों को जानना ज़रूरी है।
सबसे पहले तो बात ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की पूर्व पत्रकार इरेना अकबर की। इरेना ने होली को हिन्दुओं की ‘मरदाना हीनता’ का त्यौहार करार दिया है। इरेना ने दावा किया है कि हिन्दू मर्द मुस्लिम मर्दों से जलते हैं और इसीलिए ‘लव जिहाद’ की थ्योरी गढ़ी जाती है और यही कारण है कि होली की वीडियो वगैरह में भी इसकी झलक दिखती है। इरेना का मानना है कि कई हिन्दू लड़कियाँ मुस्लिम मर्दों से शादी कर लेती हैं, इसीलिए जलन के कारण हिन्दू मर्द मुस्लिम महिलाओं का यौन शोषण करना चाहते हैं, उनका बलात्कार करना चाहते हैं।
इरेना यही नहीं रुकीं। उनकी मानसिक स्थिति का अंदाज़ा आप उनकी सोच से लगा सकते हैं। उन्होंने लिखा कि हिन्दू मर्द मुस्लिम महिलाओं को पटा ही नहीं पाते क्योंकि वो मुस्लिम मर्दों के मुक़ाबले कहीं नहीं ठहरते हैं। इरेना ने लिखा कि ये श्रेष्ठता नहीं है बल्कि हिन्दुओं के अंदर जलन व हीनता की भावना है। इरेना का कहना है कि इसी जलन और हीनता की भावना का शिकार होकर हिन्दू मर्द मुस्लिमों के व्यापार और घरों को नुकसान पहुँचाते हैं, जला डालते हैं- ताकि मुस्लिम महिलाओं को बेइज्जत कर सकें। इरेना ने गुजरात और मुजफ्फरनगर दंगों को इससे ही जोड़ा है।
हिन्दू समाज में ‘पितृसत्तात्मकता की प्रभुता’ की बात करते हुए इरेना ने कहा कि हिन्दू महिलाओं को संपत्ति समझते हैं, इसीलिए वो मुस्लिमों की संपत्ति जलाते हैं ताकि मुस्लिम महिलाओं की इज्जत के साथ खेला जा सके। इरेना ने इतने सारे आरोप बिना किसी सबूत या उदाहरण के दाग दिए लेकिन ये नहीं बताया कि महिलाओं को बुर्क़े में कैद रखना किस समाज की संस्कृति का हिस्सा है। बच्ची के जन्म के बाद बेरहमी से उसका खतना करना किस संस्कृति का हिस्सा है? वो ये भी बताना भूल गईं कि ‘तीन तलाक’ और ‘हलाला’ जैसी महिलाविरोधी परम्पराएँ किस समाज के अंदर गहरी पैठी हुई हैं।
As I keep saying, it isn’t supremacy but deep-seated inferiority & the resultant jealousy. That leads to a strong will to destroy Muslim businesses & homes & to ‘dishonour’ Muslim women. A vicious psychology that led to the genocidal rape of Muslim women in Gujarat&Muzaffarnagar.
— Irena Akbar (@irenaakbar) March 8, 2020
इसी तरह उर्दू नाम वाले एक व्यक्ति ने दावा किया कि होली पर हिन्दुओं की पहचान इसी टैगलाइन से होती है- “तोहार चोली में रंग डालब ऐ भौजी!” जिस देश में हज़ारों भाषाएँ व बोलियाँ बोली जाती हों, वहाँ एक भोजपुरी गाने की किसी पंक्ति को उठा कर करोड़ों हिन्दुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्यौहार को लेकर नकारात्मकता फैलाना कोई इन लिबरलों से सीखे। इसी तरह इसी व्यक्ति ने वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर खेली जाने वाली ‘भस्म होली’ का भी मजाक बनाया। वहीं आसिफ रियाज़ नामक एक व्यक्ति ने दावा किया कि ‘बुरा न मानो होली है’ बोल कर इस अवसर का उपयोग महिलाओं का यौन शोषण के लिए किया जाता है।
Holi is used as an occasion to molest woman, just by saying Bura Na Mano Holi Hai.
— Asif Reyaz (@asif343) March 8, 2020
एक सोशल मीडिया यूजर ने तो यहाँ तक लिख दिया कि होली पर ‘बलात्कारी संस्कृति’ को बढ़ावा दिया जाता है। इसी तरह तथाकथित पत्रकार राणा अयूब ने एक ख़बर शेयर कर के दावा किया कि पाकिस्तान के हिन्दू इस बार होली का बायकाट कर रहे हैं ताकि वो सीएए के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज करा सकें। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी होली पर हिन्दुओं को शुभकामनाएँ दी। वही पीएम, जिनके कार्यकाल में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया है। भारत के सेक्युलर गिरोह के लोग होली पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान का सहारा ले रहे हैं।
Bura na mano Holi hai is rape culture.
— Zedsdead (@DeadZedb) March 7, 2020
सोचिए, अगर ईद या मुहर्रम के दौरान ऐसे सलाह दिए जाएँ या फिर ‘यौन शोषण’ का ‘बलात्कार’ जैसे शब्दों को इस मजहबी त्योहारों के साथ जोड़ कर देखा जाए फिर क्या होगा? फिर यही लोग ‘इस्लामोफोबिया’ का राग अलापेंगे। एक व्यक्ति जिसने अपने घर की महिलाओं को बुर्के में कैद रखा होगा, सोशल मीडिया पर होली को महिलाविरोधी बताता है। ये अपने-आप में हास्यास्पद है। जिसने अपनी बेटी के जन्म के तुरंत बाद उसका अंगमर्दन कराया होगा, वो भी कह रहा है कि हिन्दू समाज में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। इनके बयान देख कर हँसने के अलावा आप कुछ कर भी नहीं सकते।