Sunday, November 17, 2024
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‘अंबानी’ का घर वक्फ की प्रोपर्टी… हमारी सरकार होती तो तुड़वा देता: अरविंद केजरीवाल का वीडियो वायरल

"वहाँ की सरकार की हिम्मत नहीं है, जो उसको कुछ कर दे। हमारी सरकार अगर वहाँ होती, तो उसकी प्रोपर्टी तुड़वा देती।" - मुकेश अंबानी का घर वक्फ बोर्ड की जमीन पर, इसी मामले पर केजरीवाल का एक वीडियो वायरल।

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल मुकेश अंबानी के घर को वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना बताए और कहा कि अगर महाराष्ट्र में उनकी सरकार होती तो उनके घर को तोड़ डाला गया होता।

मुस्लिमों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल इस वीडियो में कह रहे हैं, “कभी भी जरूरत पड़े आपको… तन, मन, धन से केजरीवाल और दिल्ली सरकार पूरी तरह से वक्फ बोर्ड के साथ है। बंबई के अंदर इस देश का जो सबसे अमीर आदमी है, बताते हैं उसका घर वक्फ बोर्ड (Wakf board) की प्रोपर्टी पर बना हुआ है।” इसके बाद वह वहाँ मौजूद से लोगों से पूछते हैं, “मैं गलत तो नहीं कह रहा?”

केजरीवाल अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहते हैं, “वहाँ की सरकार की हिम्मत नहीं है, जो उसको कुछ कर दे। हमारी सरकार अगर वहाँ होती, तो उसकी प्रोपर्टी तुड़वा देती। वक्फ बोर्ड को जब भी किसी चीज की जरूरत होगी। दिल्ली सरकार वक्फ बोर्ड के साथ है।”

अरविंद केजरीवाल का जो वीडियो अभी वायरल हो रहा है, वो दरअसल 2019 का है। इस वीडियो में मुकेश अंबानी, वक्फ बोर्ड की जमीन और एंटिलिया को तुड़वा देने वाली तानाशाही मानसिकता टाइप बातें आप 3:35 के बाद सुन सकते हैं।

3 साल पुरानी बात आखिर सोशल मीडिया पर अभी क्यों वायरल हो रही है? इसके पीछे वक्फ बोर्ड को लेकर चल रहा बवाल है। जहाँ मन होता है, ये किसी की भी जमीन को अपना बना लेते हैं। हिंदू बहुल गाँव से लेकर हिंदू मंदिर तक को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति बता दी है।

बात अगर मुकेश अंबानी के घर की करें तो बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनके निवास स्थान ‘एंटीलिया’ को लेकर वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया था 2017 में ही। हाई कोर्ट ने वक्फ बोर्ड को अंबानी के घर पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था। प्रोपर्टी को गैर कानूनी तरीके से बेचने को लेकर दायर याचिका के बाद यह नोटिस जारी किया गया था।

साल 2005 में यह प्रोपर्टी अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी मफिन-एंटीलिया कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदी थी। यह जमीन पहले करीमभॉय इब्राहिम खोजा अनाथालय ट्रस्ट की थी, जिसमें अनाथ मुस्लिम बच्चों की मदद की जाती थी। इस मामले में इस याचिका के अलावा विभिन्न मुकदमे दायर किए गए थे, जिस पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।

जालना निवासी अब्दुल मतीन (Abdul Mateen) ने अखबारों में प्रोपर्टी की बिक्री के बारे में पढ़ा था और 2007 में एक याचिका दायर की थी। उनकी याचिका को उसी मुद्दे पर 66 अन्य याचिकाओं के साथ टैग किया गया था, जिस पर उस समय बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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