Tuesday, November 5, 2024
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‘काश मोटू (साजिद खान) को सिखा दिया होता सबक’: विल स्मिथ के ‘मुक्का’ के बाद लिबरलों ने माना- ‘कॉमेडियन’ की कुटाई जरूरी

वहीं उधर 'रेडियो मिर्ची' की RJ सायमा ने भी इस खबर को शेयर करते हुए दावा किया कि कभी-कभी ये बताने के लिए मुक्का मारना ज़रूरी होता है कि तुम्हारा जोक अच्छा नहीं था।

ऑस्कर अवॉर्ड्स 2022 को होस्ट कर रहे कॉमेडियन क्रिस रॉक को अभिनेता विल स्मिथ ने मंच पर चढ़ कर एक थप्पड़ मार दिया और फिर गाली देते हुए कहा कि मेरी पत्नी का नाम अपनी गंदी जुबान से मत लो। इस घटना के बाद जहाँ क्रिस रॉक को सहानुभूति मिल रही है, कुछ ये भी कह रहे हैं कि मजाक की एक सीमा होनी चाहिए। दोनों ही अश्वेत समुदाय से आते हैं। हालाँकि, सोशल मीडिया पर इसे लेकर तरह-तरह के मीन्स बनाए जा रहे हैं।

‘ब्योमकेश’ नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “आशुतोष गोवारिकर साहब ने काश इस मोटू (निर्देशक साजिद खान) को ऐसा ही सबक सिखा दिया होता अवॉर्ड शो में.. ये भी स्टेज में आने के बाद कॉमेडी के नाम पर कुछ भी बकवास करता रहता है।” 94वीं एकेडमी अवॉर्ड में हुए विवाद से लोगों को इन दोनों की याद क्यों आ रही, बताते हैं। आशुतोष गोवारिकर ‘लगान (2001)’, ‘स्वदेश (2004)’, ‘जोधा अकबर (2008)’ और ‘मोहनजो दाड़ो (2016)’ जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।

वहीं साजिद खान ने ‘हे बेबी (2007)’ और ‘हाउसफुल’ सीरीज (2010, 2012) के अलावा ‘हिम्मतवाला (2013)’ और ‘हमशकल्स (2014)’ जैसी सुपर फ्लॉप फ़िल्में बना चुके हैं। लोग इन दोनों फिल्म निर्देशकों को क्यों याद कर रहे हैं, ये जानने के लिए हमें 13 साल पीछे जाना होगा। 2009 में एक अवॉर्ड शो के दौरान बतौर होस्ट साजिद खान ने तब डेब्यू कर रहे अभिनेता हरमन बावेजा के अभिनय का मजाक बनाया था। तभी की ये बात है।

उस समय आशुतोष गोवारिकर हरमन बावेजा के साथ ‘व्हाट्स योर राशि’ नामक फिल्म पर काम कर रहे थे। जब वो ‘जोधा अकबर’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवॉर्ड लेने मंच पर आए तो उन्होंने साजिद खान को तगड़ा जवाब दिया था। उन्होंने साजिद खान को ‘Shut Up’ कह कर चुप कराया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री का जिस तरह से मजाक बनाया गया, इससे अवॉर्ड शो की गरिमा कम हुई है। फिर उन्होंने साजिद खान को उनकी बात में हस्तक्षेप करने से मना भी किया था। यहाँ देखें वो वीडियो:

उन्होंने कहा था, “मुझे ये पसंद नहीं आया कि आप एक अवॉर्ड विजेता को कैसे चुप रहने को कह सकते हैं। इसे लेकर मैं हैरान और दुःखी हूँ। एक अभिनेता अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए काफी मेहनत करता है। ऐसे मंच पर उसका मजाक नहीं बनाया जा सकता।” उनके मंच से जाने के बाद साजिद खान ने कहा था कि ये एक लोकतांत्रिक देश है और सबको अपनी बात कहने का हक़ है। फिर उन्होंने ‘साजिद खान ने अवॉर्ड्स नहीं बनाया, अवॉर्ड्स ने साजिद खान को बनाया है’ जैसा डायलॉग भी मारा था।

वहीं उधर ‘रेडियो मिर्ची’ की RJ सायमा ने भी इस खबर को शेयर करते हुए दावा किया कि कभी-कभी ये बताने के लिए मुक्का मारना ज़रूरी होता है कि तुम्हारा जोक अच्छा नहीं था। हालाँकि, इस दौरान लोगों ने उन्हें हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाने वाले मुनव्वर फारूकी की याद दिला दी, जिसके जेल जाने के बाद लिबरल गिरोह ने उसका समर्थन किया था। फिर क्या था, RJ सायमा फटाफट अपने ट्वीट को डिलीट कर के निकल लीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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