Sunday, September 8, 2024
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थूक लगी रोटी सोनू सूद को कबूल है, कबूल है, कबूल है! खुद की तुलना भगवान राम से, खाने में थूकने वाले उनके लिए शबरी

सोनू सूद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शबरी के जूठे बेर अगर भगवान राम खा सकते हैं तो वो भी किसी कट्टर मुस्लिम की थूक लगी रोटी खा लेंगे। इसे वो मानवता और भाईचारा से जोड़ दिए।

नाम है सोनू सूद। बॉलीवुड में काम करके पैसे कमाता है। सोशल मीडिया पर उसने खुद की तुलना भगवान राम से की है। सोनू सूद का कहना है कि वो किसी कट्टर मुस्लिम द्वारा थूक कर बनाई हुई रोटी को खा सकता है। क्यों? क्योंकि भगवान राम ने भी शबरी के जूठे बेर खाए थे।

सोनू सूद का यह भाईचारा भरा सोशल मीडिया पोस्ट आया है 20 जुलाई को। क्यों आया? क्योंकि काँवड़ यात्रा और काँवड़ियों की शुद्धता को ध्यान रख कर उत्तर प्रदेश पुलिस-प्रशासन ने सभी दुकानदारों को उनके नाम बोर्ड पर लिखने का आदेश दिया है। वामपंथियों और कट्टर इस्लामियों को इससे दिक्कत हुई। हाय-तौबा करने लगे। सोनू सूद भी इसी लाइन में लग कर हुआँ-हुआँ करने लगे।

एक दिन पहले हर दुकान पर ‘मानवता’ का बोर्ड लगाने की अपील कर चुके थे सोनू सूद। सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें दुकानदार का नाम क्यों स्पष्ट लिखा होना चाहिए, इसको लेकर तर्क दिए। रोटी पर थूकते वीडियो के साक्ष्य दिए। सोनू सूद ठहरे कट्टर भाईचारावादी! उन्होंने अपना नहीं… दूसरे का थूक पीने की ठान ली। थूक लगी रोटी खाकर खुद को भगवान राम के समकक्ष बनाने का कुतर्क भी गढ़ दिया।

सोनू सूद की जाग गई मानवता, भगवान राम से तुलना

सोनू सूद ने लिखा, “हमारे श्री राम जी ने शबरी के झूठे बेर खाए थे तो मैं क्यों नहीं खा सकता। हिंसा को अहिंसा से पराजित किया जा सकता है मेरे भाई। बस मानवता बरकरार रहनी चाहिए। जय श्री राम।”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसके बाद सोनू सूद की लोगों ने छीछालेदर कर दी। एक्स यूजर्स ने ग्राहक के खाने पर थूकने के कृत्य का बचाव करने के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया। कई एक्स यूजर्स ने बताया कि माता शबरी द्वारा बेर चखने के पीछे की मंशा भगवान श्री राम को केवल मीठे बेर देने की थी, जो उनके भगवान के प्रति भक्ति थी, जबकि खाने में थूकने का कट्टर मुस्लिमों का कृत्य धार्मिक घृणा से प्रेरित होता है।

एक्स यूजर रोजी ने सोनू सूद से वीडियो में दिख रहे ढाबे पर जाकर थूक से सनी रोटियाँ खाते हुए अपना वीडियो बनाने का अनुरोध किया।

कई यूजर्स ने सोनू सूद की इस उपमा पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कट्टर मुस्लिमों को शबरी के बराबर बताया और खुद की तुलना भगवान श्री राम से की।

राजनीतिक विश्लेषक अभिषेक तिवारी ने उनकी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “थूक कर रोटी बनाने वाला माता शबरी नहीं है और आप राम नहीं हैं।” उन्होंने लिखा कि माता शबरी प्रेम की प्रतीक हैं, यह व्यक्ति घृणा से थूक रहा है।

एक अन्य यूजर ने लिखा, “शबरी के प्रेम और ‘थूक जिहाद’ से इस विचित्र तुलना के लिए आपको शर्म आनी चाहिए! यह सिर्फ आपकी एकतरफा धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के कारण है। सात्विक भोजन करने वाले काँवड़ियों के लिए आपके मन में सम्मान नहीं है, उनकी कई दिनों की तपस्या आपके लिए कुछ भी नहीं है। घृणित सोच।”

सोनू सूद को शायद यह पता नहीं। उनकी जानकारी के लिए बता दें कि 9 महीने में 9 लोग रोटियों पर थूक लगाते पुलिस से धरा चुके हैं। कई इस्लामी कट्टरपंथी झूठे हिंदू नामों से अपने भोजनालय/ठेले/दुकान चलाते हैं, जिससे कई बार कानून-व्यवस्था की स्थिति तक पैदा हुई है। लेकिन सोनू सूद पढ़ेंगे यह सब? वो डॉक्टरों से एक कदम आगे बढ़ कर कोमा में गए आदमी को बचाने वाले ‘अवतार’ हैं… भले ही सोशल मीडिया पर लोग उनके फर्जीवाड़े की हवा निकाल दें!

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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