नाम है सोनू सूद। बॉलीवुड में काम करके पैसे कमाता है। सोशल मीडिया पर उसने खुद की तुलना भगवान राम से की है। सोनू सूद का कहना है कि वो किसी कट्टर मुस्लिम द्वारा थूक कर बनाई हुई रोटी को खा सकता है। क्यों? क्योंकि भगवान राम ने भी शबरी के जूठे बेर खाए थे।
सोनू सूद का यह भाईचारा भरा सोशल मीडिया पोस्ट आया है 20 जुलाई को। क्यों आया? क्योंकि काँवड़ यात्रा और काँवड़ियों की शुद्धता को ध्यान रख कर उत्तर प्रदेश पुलिस-प्रशासन ने सभी दुकानदारों को उनके नाम बोर्ड पर लिखने का आदेश दिया है। वामपंथियों और कट्टर इस्लामियों को इससे दिक्कत हुई। हाय-तौबा करने लगे। सोनू सूद भी इसी लाइन में लग कर हुआँ-हुआँ करने लगे।
एक दिन पहले हर दुकान पर ‘मानवता’ का बोर्ड लगाने की अपील कर चुके थे सोनू सूद। सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें दुकानदार का नाम क्यों स्पष्ट लिखा होना चाहिए, इसको लेकर तर्क दिए। रोटी पर थूकते वीडियो के साक्ष्य दिए। सोनू सूद ठहरे कट्टर भाईचारावादी! उन्होंने अपना नहीं… दूसरे का थूक पीने की ठान ली। थूक लगी रोटी खाकर खुद को भगवान राम के समकक्ष बनाने का कुतर्क भी गढ़ दिया।
सोनू सूद ने लिखा, “हमारे श्री राम जी ने शबरी के झूठे बेर खाए थे तो मैं क्यों नहीं खा सकता। हिंसा को अहिंसा से पराजित किया जा सकता है मेरे भाई। बस मानवता बरकरार रहनी चाहिए। जय श्री राम।”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसके बाद सोनू सूद की लोगों ने छीछालेदर कर दी। एक्स यूजर्स ने ग्राहक के खाने पर थूकने के कृत्य का बचाव करने के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया। कई एक्स यूजर्स ने बताया कि माता शबरी द्वारा बेर चखने के पीछे की मंशा भगवान श्री राम को केवल मीठे बेर देने की थी, जो उनके भगवान के प्रति भक्ति थी, जबकि खाने में थूकने का कट्टर मुस्लिमों का कृत्य धार्मिक घृणा से प्रेरित होता है।
Itna bhi defend maat karo, galat ko bhi sahi proof karne mein lage ho… pic.twitter.com/RbzWZVA4Ou
— Sambit (@legalSambit) July 20, 2024
सोनू सूद के मुंह पर कोई थूक दे तो वो कहते हैं कि बचपन में पिता खेलाते वक्त चूमते थे, उसमें भी थूक लग जाता था।
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 20, 2024
मुंह पर थूकना तो प्यार दिखाने का तरीका है।
ओ सस्ते गाँधी, ये नाटक एक्टिंग फ़िल्मी में अच्छी लगती है यहाँ सबको पता है कि ये बकचोदी कर कर रहे आप।
— Gareeboo (@GareeboOP) July 20, 2024
माता शबरी रामभक्त थीं और उन्होंने बेर द्वेषवश झूठे नहीं किए थे। वे तो केवल अपने भोलेपन में यह जानने के लिए कि बेर मीठे हैं या नहीं, चखकर श्रीराम को दे रही थीं।
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) July 20, 2024
वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति न तो अपने ग्राहकों से प्रेम करता है और न ही वह इसलिए थूक लगा रहा है कि रोटी का स्वाद चख…
एक्स यूजर रोजी ने सोनू सूद से वीडियो में दिख रहे ढाबे पर जाकर थूक से सनी रोटियाँ खाते हुए अपना वीडियो बनाने का अनुरोध किया।
Hi Sonu Sood .. Waiting for you to go to this Dhaba and eating these Thooki hui rotis and posting FULL video.
— Rosy (@rose_k01) July 20, 2024
Restaurant ja ke ke thook lagi roti order karna aur video tweet karna
— Ankit Jain (@indiantweeter) July 20, 2024
कई यूजर्स ने सोनू सूद की इस उपमा पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कट्टर मुस्लिमों को शबरी के बराबर बताया और खुद की तुलना भगवान श्री राम से की।
सोनू बकचोदी अपनी जगह और सत्य अपनी जगह ये रोटी बनाने वाला न तो माता शबरी है और न ही तुम राम ?
— The Abhishek Tiwary Show (@atsshow7) July 20, 2024
माता शबरी प्रेम की प्रतीक है ये घृणा में थूक मिला रहा है ।
Hey @SonuSood,
— Bhairav (Modi Ka Parivar) (@xBhairav) July 20, 2024
Thookers ≠ Shabari.
धन्यवाद 🙏 pic.twitter.com/osu2Fn9jRv
राजनीतिक विश्लेषक अभिषेक तिवारी ने उनकी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “थूक कर रोटी बनाने वाला माता शबरी नहीं है और आप राम नहीं हैं।” उन्होंने लिखा कि माता शबरी प्रेम की प्रतीक हैं, यह व्यक्ति घृणा से थूक रहा है।
इन राक्षसों की तुलना शबरी से करते हुए शरम नहीं आई तुम्हें ? बैलबुद्धि है क्या ?
— सृष्टि (@ShrishtySays) July 20, 2024
Shame on you for this Bizarre comparison of Prem of Shabri vs Thuk J!;had just to prove your one sided secular ideology
— Nandini Idnani 🚩🇮🇳 (@nandiniidnani69) July 20, 2024
U don't have respect for those Kanwariya who follow Satvik food their tapasya worship of many days is nothing for you
Disgusting
एक अन्य यूजर ने लिखा, “शबरी के प्रेम और ‘थूक जिहाद’ से इस विचित्र तुलना के लिए आपको शर्म आनी चाहिए! यह सिर्फ आपकी एकतरफा धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के कारण है। सात्विक भोजन करने वाले काँवड़ियों के लिए आपके मन में सम्मान नहीं है, उनकी कई दिनों की तपस्या आपके लिए कुछ भी नहीं है। घृणित सोच।”
सोनू सूद को शायद यह पता नहीं। उनकी जानकारी के लिए बता दें कि 9 महीने में 9 लोग रोटियों पर थूक लगाते पुलिस से धरा चुके हैं। कई इस्लामी कट्टरपंथी झूठे हिंदू नामों से अपने भोजनालय/ठेले/दुकान चलाते हैं, जिससे कई बार कानून-व्यवस्था की स्थिति तक पैदा हुई है। लेकिन सोनू सूद पढ़ेंगे यह सब? वो डॉक्टरों से एक कदम आगे बढ़ कर कोमा में गए आदमी को बचाने वाले ‘अवतार’ हैं… भले ही सोशल मीडिया पर लोग उनके फर्जीवाड़े की हवा निकाल दें!