Thursday, April 18, 2024
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‘कोमा में गए आदमी को बचाया, डॉक्टर भी हार गए थे’: लोगों ने सोनू सूद के दावे की निकाली हवा, तस्वीर में दिख रहा बाइक नंबर भी निकला फर्जी

एक ट्विटर यूजर @BefittingFacts ने इस बात का खुलासा किया कि बाइक का नंबर किसी भी वाहन के लिए पंजीकृत नहीं है और बाइक का नंबर भी एडिट किया गया है।

अभिनेता सोनू सूद ने मंगलवार (19 जुलाई, 2022) को सनसनीखेज दावा किया कि डॉक्टरों के हार मानने के बाद उनकी टीम कोमा में पड़े एक व्यक्ति को फिर से जान बचाने में सफल रही।

सूद ने एक थ्रेड में कई ट्वीट करते हुए एक ऐसे व्यक्ति की कहानी साझा की, जिसे डॉक्टरों द्वारा हार मान लेने के बाद उनकी टीम द्वारा उसे जीवन दिया गया था, अन्यथा उसे बचाया नहीं जा सकता था।

सूद ने कहा कि राम प्रसाद भंडारी नाम का एक व्यक्ति और उसकी बेटी तेलंगाना से पूरे रास्ते गाड़ी से निकले और हाल ही में उनके दरवाजे पर आए। अभिनेता ने उनकी एक तस्वीर भी साझा की जिसमें उन्हें एक छोटी लड़की और आंध्र प्रदेश में पंजीकृत बाइक पर बैठे एक व्यक्ति के साथ देखा जा सकता है।

सोनू सूद ने बाद के ट्वीट में कहा कि वह आदमी कुछ समय पहले कोमा में था और सभी डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दिया था। तभी उनकी टीम ने इस मामले में कदम रखा और उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकी।

सोनू सूद ने आगे कहा, “लड़की की आँखों खुशी थी, उसे खुश और स्वस्थ देखना मेरे लिए अद्भुत था, इस तरह के क्षण मुझे अपने उद्देश्य के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करते हैं, ये आशीर्वाद है जो एहसास कराते हैं कि एक छोटा सा काम कितने बड़े प्रभाव पैदा कर सकता है।”

सोनू सूद की कहानी पर लोगों ने घेरा

एक ट्विटर यूजर @BefittingFacts ने इस बात का खुलासा किया कि बाइक का नंबर किसी भी वाहन के लिए पंजीकृत नहीं है और बाइक का नंबर भी एडिट किया गया है।

एक अन्य ट्विटर यूज़र ने आंध्र प्रदेश पुलिस, तेलंगाना पुलिस और भारत के गृह मंत्रालय को टैग करते हुए सोनू सूद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी साझा कर रहे जो ऐसी बाइक चला रहा है जिसका आरटीओ पंजीकरण में कहीं कोई रिकॉर्ड ही नहीं है।

वहीं एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने सूद के ट्वीट का जवाब देते हुए इसे धोखाधड़ी बताया और एक तस्वीर साझा की जिसमें दिखाया गया है कि बाइक का पंजीकरण नंबर आधिकारिक रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है।

पहले भी उठ चुके हैं सवाल

हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब सोनू सूद पर धोखाधड़ी करने या खुद को मसीहा के रूप में स्थापित करने लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। सोशल मीडिया पर अभिनेता सोनू सूद का ऐसा अभिनय भी कोई नई घटना नहीं है। जब से कोरोनावायरस महामारी आया है तभी से अभिनेता ने अपना अधिकांश समय खुद को एक प्रकार के मसीहा के रूप में पेश करने में बिताया है।

लेकिन, कई मौकों पर, सोशल मीडिया यूजर्स ने इस बात का खुलासा किया है कि कैसे सूद का संकट में ‘मरीजों’ की मदद करने का दावा एक मसीहा होने के इमेज बिल्डिंग के अलावा और कुछ नहीं था। मई 2021 में जब मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अपने चरम पर थी, तो उनकी टीम ने बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या के कार्यालय से मदद ली, लेकिन एक बयान जारी करते हुए, ऑक्सीजन की व्यवस्था का सारा श्रेय खुद लेने का प्रयास किया। सितंबर 2021 में आईटी विभाग ने सूद से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। लगातार तीन दिनों तक तलाशी लेने के बाद, आईटी विभाग ने कहा कि सूद ने 20 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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