अक्सर आपने दहेज की माँग पूरी न होने या बारातियों की खातिरदारी सही से न होने पर मंडप पर या जयमाल होने के बावजूद शादी टूटने की खबर सुनी होगी, लेकिन हाल ही में प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके में हुई एक अनोखी शादी ने इंसानियत और मोहब्बत की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे लोग बरसों तक याद रखेंगे।
15 साल पहले रिलीज हुई शाहिद कपूर और अमृता राव की फिल्म ‘विवाह’ की ही तरह यहाँ भी शादी के फेरों से महज 8 घंटे पहले एक हादसे में दुल्हन के पूरी तरह अपंग हो जाने के बावजूद दूल्हे अवधेश ने लड़की को कबूल कर जिंदगी भर उसका साथ देने की कसम खाई। इतना ही नहीं विवाह के लिए तय तारीख पर ही पत्नी को एम्बुलेंस से उसके घर बुलाकर स्ट्रेचर पर लेटी हुई हालत में उसने शादी की सभी रस्में भी अदा की। असली जिंदगी पर आधारित इस शादी के बारे में जिसने भी सुना उसकी आँखें भर आई।
कैसे हुआ हादसा
जिले के कुंडा इलाके की रहने वाली आरती मौर्य की शादी नजदीक के ही एक गाँव के अवधेश के साथ तय हुई थी। परिवार में जोरो-शोरो से शादी की तैयारियाँ चल रही थी। नाच गाना चल रहा था। रिश्तेदारों का आना शुरू हो चुका था। सबकुछ अच्छे से चल रहा था। बारात 8 दिसंबर को आनी थी। लड़का और लड़की दोनों पक्षों में विवाह से पहले की ज्यादातर रश्में हो चुकी थी। शादी का दिन भी आ गया और बारात की तैयारी होने लगी। परिवार के सदस्य मेहमाननवाजी में जुटे थे।
तभी एक ऐसा हादसा हुआ जिसनें खुशी के माहौल को मातम में बदल दिया। दोपहर के 1 बजे एक बच्चे को बचाने के चक्कर में दुल्हन आरती का पैर फिसल गया और वह छत से नीचे गिर गई। हादसे में आरती के रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट गई। कमर और पैर समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोट आई। आलम यह था कि पड़ोस के अस्पतालों ने आरती का इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए। परेशान और घबराए घर वाले आरती को इलाज के लिए प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में ले गए। हादसे के बाद शादी वाले घर में कोहराम मच गया। सभी का मनोबल टूट चुका था।
अस्पताल में एक्स रे के बाद मालूम चला कि उसके पाँव में फ्रैक्चर हो गया है और रीढ़ की हड्डी टूट गई है। घटना की सूचना दूल्हे के घर वालों को भी दी गई। खबर मिलते ही दूल्हा अवधेश और बाकी बाराती दुल्हन को देखने अस्पताल पहुँचें। खास बात ये कि दुल्हन के पक्ष के लोगों ने अवधेश से कहा कि वह आरती की जगह उसकी बहन से शादी कर लें लेकिन अवधेश ने कहा कि वह उससे ब्याह रचाएँगे जिससे कि तय हुआ है।
दूल्हे के इस फैसले को सुनकर सभी सन्न रह गए। वहीं लड़की के परिजनों के आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। अस्पताल में डॉक्टरों को जब आरती की शादी की बात बताई गई तो डॉक्टरों ने उसे स्ट्रेचर पर घर ले जाने की अनुमति दे दी। जिसके बाद अवधेश और आरती की शादी हुई। स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे आरती ने फेरे लिए। ऑक्सीजन और ड्रिप लगी होने की सूरत में ही उसकी माँग भरी गई। आम दुल्हनों की तरह आरती की भी विदाई हुई। यह अलग बात है कि ससुराल जाने के बजाय वह वापस अस्पताल लाई गई।
अगले दिन होने वाले ऑपरेशन के फॉर्म पर खुद अवधेश ने पति के तौर पर दस्तखत किए। फिलहाल अस्पताल में आरती का इलाज चल रहा है। लड़की के ससुराल वालों का कहना है कि दुल्हन के इलाज में जो भी खर्चा आएगा वह उनके द्वारा उठाया जाएगा। तो दुल्हन के परिजनों का कहना है कि एक बार आरती ठीक हो जाए तो धूमधाम से बाकी रश्में करेंगे। वैसे एक बात तो किसी ने सही कही है कि जोड़ी ऊपर वाला बनाता है और उस रिश्ते को निभाने की हिम्मत भी वो दोनों को देता है।