जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद का यह मानना है कि एनएसए डोभाल से बातचीत करने के लिए कश्मीरियों को रुपए दिए गए। ट्विटर पर लोगों ने आजाद से पूछा की क्या कश्मीरी जनता बिकाऊ है? लोगों ने इसे न सिर्फ़ डोभाल बल्कि कश्मीर के लोगों का भी अपमान बताया।
कभी वो सड़क किनारे खाना खाते हुए दिखे तो कभी पुलिस से बात करते हुए अपना अतीत याद करते हुए दिखे। जनता से सीधा संवाद कर उन्होंने सबका दिल जीत लिया। जम्मू कश्मीर में NSA अजीत डोभाल का एक अलग ही रूप दिखा। देखें वीडियो।
गढ़वालियों में यह बहुत कॉमन है - फिर चाहे आप किसी अजनबी से ही क्यों न मिल रहे हों, यह पूछना तो बनता ही है कि "और आपका स्वास्थ्य-पानी सब ठीक है?" और ठीक इसी तर्ज पर डोवाल ने भी गाँव में मौजूद नाते-रिश्तेदारों का हाल-चाल जाना, सबको हाथ जोड़ शुभकामनाएँ दीं।
शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह अपने पैतृक गाँव घीड़ी स्थित बाल कुंवारी मंदिर पहुँचे। उन्होंने यहाँ लगभग एक घंटे तक परिवार के सदस्यों के साथ कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा-अर्चना की। पूजा संपन्न होने के बाद उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर उनके हालचाल भी पूछे।
स्वनामधन्य न्यूज़ चैनल एनडीटीवी की वेबसाइट पर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद ही बिजली की तेज़ी से यह विश्लेषण प्रकाशित किया गया कि मोदी ने अजित डोभाल के 'पर क़तर दिए।'
अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके अच्छे काम के लिए मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। उनकी नियुक्ति पाँच साल के लिए हुई है। NSA अजीत डोभाल की गिनती देश के सबसे ताकतवार नौकरशाहों में होती है।
सुनवाई के दौरान विवेक डोभाल ने अपने पिता को लेकर कहा कि उनका पूरा जीवन इस देश के दुश्मनों से लड़ते बीता है, ऐसा कैसे हो सकता है कि वो अपने बेटे को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति दे दें। कारवाँ ने अपने लेख में डोभाल परिवार को 'डी कम्पनी' कहा था।
यह बात चौंकाने वाली है कि भविष्य में देश का नेतृत्व करने की इच्छा रखने वाले राहुल गाँधी को ऐसी राष्ट्रीय आपात स्थितियों के दौरान आतंकी समूहों के साथ होने वाली जटिल वार्ताओं के बारे में पूरी और सही जानकारी अब तक नहीं है।
अमेरिका के एनएसए जॉन बॉल्टन ने बीते शुक्रवार सुबह जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से फोन पर बात करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की थी।