सबसे अधिक दोगलापन तो कुणाल कामरा का ही विक्टिम कार्ड खेलना होगा। आज बोलने की आजादी पर रोने वाला कुणाल कामरा कंगना रनौत का दफ्तर BMC द्वारा गिराए जाने पर अट्टाहास कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने विधायक, सांसद और मंत्रियों के बोलने की स्वतंत्रता पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने से इनकार किया है। कहा है कि इन्हें भी अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत अधिकार प्राप्त है।
विभाजन की विभीषिका को भी भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्रता-प्राप्ति का मूल्य समझकर और स्वतन्त्रता का मूल्य चुकाकर ही हम अपनी स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित कर सकते हैं।