Tuesday, July 15, 2025
Homeराजनीति'अभिव्यक्ति की आज़ादी सिर्फ हिन्दू देवी-देवताओं के लिए क्यों?': सत्ता जाने के बाद उद्धव...

‘अभिव्यक्ति की आज़ादी सिर्फ हिन्दू देवी-देवताओं के लिए क्यों?’: सत्ता जाने के बाद उद्धव गुट को याद आया हिंदुत्व, प्रियंका चतुर्वेदी ने सँभाली कमान

"अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने के लिए नहीं है। जबकि बाकी सभी की धार्मिक संवेदनाओं का ख्याल रखा जाए। मैं माँ काली पर फिल्म के पोस्टर से आहत हूँ, सम्मान सभी के लिए समान होना चाहिए।"

महाराष्ट्र में सत्ता जाते ही शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर वापस लौटते हुए नजर आ रही है। इसका ताजा उदाहरण शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार (5 जुलाई, 2022) को माँ काली के विवादित पोस्टर की आलोचना के रूप में पेश किया है। वरना लम्बे समय से शिवसेना ऐसे मुद्दों पर मौन साधे रहती थी। बता दें कि इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर में देवी को धूम्रपान करते हुए दिखाया गया है। जिस पर विरोध जताते हुए शिवसेना सांसद ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंदू देवताओं के लिए रिजर्व नहीं हो सकती है।

डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर प्रियंका चतुर्वेदी ने ऐतराज जताते हुए ट्विटर पर कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने के लिए नहीं है। जबकि बाकी सभी की धार्मिक संवेदनाओं का ख्याल रखा जाए। मैं माँ काली पर फिल्म के पोस्टर से आहत हूँ, सम्मान सभी के लिए समान होना चाहिए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को जानबूझकर दूसरों को अपमानित करने का साधन नहीं बनना चाहिए।”

बता दें कि डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ में माँ काली को धूम्रपान करते और एलजीबीटीक्यू का झंडा पकड़े हुए दिखाया गया है, जिसके बाद फिल्म को लेकर विवाद शुरू हो गया है। फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में दिल्ली-यूपी सहित देश के कुछ हिस्सों में फिल्ममेकर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। वहीं फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई के खिलाफ एक्शन लेने की माँग की जा रही है।

गौरतलब है कि टोरंटो में रहने वाली फिल्मकार लीना मणिमेकलई ने शनिवार (2 जुलाई, 2022) को ट्विटर पर अपनी लघु फिल्म ‘काली’ का विवादित और हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने वाला पोस्टर साझा किया था। और कहा था कि यह फिल्म टोरंटो में आगा खान संग्रहालय में ‘रिदम्स ऑफ कनाडा’ सेगमेंट का हिस्सा है। इस पोस्टर के सामने आने के बाद मणिमेकलई पर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगने लगे। यही नहीं, सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलई’ हैशटैग भी ट्रेंड करने लगा था।

इससे पहले आज दिन में, काली पोस्टर विवाद के बारे में बोलते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि काली उनके लिए मांस खाने वाली, शराब पीने वाली देवी है। इसके बाद भड़के विवाद पर जहाँ टीएमसी ने उनके बयान पर पल्ला झाड़ लिया है।

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया कि कई जगहों पर देवी-देवताओं को व्हिस्की चढ़ाई जाती है। उन्होंने दावा किया कि हमारे पास इसकी स्वतंत्रता है कि हम हमारे देवी-देवताओं को किसी भी रूप में सोच सकते हैं। 2 दिवसीय ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2022’ में बोलते हुए उन्होंने ये बातें कही। वहीं पश्चिम बंगाल भाजपा ने सीएम ममता बनर्जी पर सांसद के खिलाफ ऐक्शन लेने की माँग की है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहले ‘पायलट की गलती’ वाली खबर चलाई, फिर फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गुमराह: क्या एअर इंडिया हादसे में विदेशी मीडिया ने पहले ही...

लगता है कि सारा दोष पायलटों पर मढ़ के बोइंग की साख को बचाने के लिए किया जा रहा है। पायलटों को बलि का बकरा बनाना बोइंग की पुरानी आदत रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर इस्लामी कट्टरपंथियों का डेरा, मस्जिद-मजार जिहाद के लिए दक्षिण भारत से आ रहा मोटा पैसा: डेमोग्राफी भी बदली, ₹150 करोड़ फंडिंग...

भारत-नेपाल सीमा पर डेमोग्राफी बदलने का बड़ा खेल उजागर हुआ है। यहाँ आयकर विभाग को 150 करोड़ की फंडिंग के सबूत मिले हैं।
- विज्ञापन -