अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पहले केंद्र सरकार ने सभी सांसदों (NDA) और मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने को कहा है। इसके साथ ही जैसे-जैसे फैसले की घड़ी नज़दीक आ रही हैं वैसे-वैसे कानून व्यवस्था कायम रखने वाली एजेंसियाँ पूरी तरह से मुस्तैद हो रही हैं।
समय आ गया है कि पोलिटिकल साइंटिस्ट का ढोंग करने वाले प्रोपेगंडाबाजों को मान लेना चाहिए कि बहुंसख्यकों की प्रकृति ही सेक्युलर मानी जाती है। अनगिनत पंथों में फैले हुए हिन्दू धर्म ने हमेशा आस्था, विचारधारा, पंथ और मान्यताओं के लिए छतरी का काम किया है। जबकि......
प्रशासन ने कहा है कि अफ़वाह फैलाने वाले की सूचना देने वाले का नाम व पता गोपनीय रखा जाएगा। दोषी पाए जाने पर अफ़वाह फैलाने वालों को दंडित किया जाएगा। जनजीवन को सामान्य रखने में ज़िला प्रशासन के सभी अधिकारियों का सहयोग करें।
आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया में देवी-देवताओं पर कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ज़िला प्रशासन की अनुमति के बिना किसी भी देवता की मूर्ति की स्थापना नहीं होगी।
"मैं उनकी भावनाएँ समझ सकता हूँ। कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसे अब वे स्वीकार करेंगे। चाहे फैसला जो भी हो समाज में शांति सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है।’’
कई महत्वपूर्ण बेंच में जस्टिस बोबडे शामिल रहे हैं। 2018 में कर्नाटक के राजनीतिक विवाद को लेकर जिस बेंच ने रात भर सुनवाई की थी, उसमें भी वे थे। मुख्य न्यायाधीश गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जॉंच भी की थी।
हिंदू पक्षों ने मंदिर निर्माण और उसके प्रबंधन की देखरेख को शीर्ष अदालत को सुझाव दिए हैं। वहीं, मुस्लिम पक्षकारों ने यह बताया है कि यदि विवादित भूमि का मालिकाना अधिकार उन्हें नहीं मिलता है तो उस सूरत में क्या किया जा सकता है।
सत्ता के परिवर्तन और समय के चक्र से कभी-न-कभी कॉन्ग्रेस, माकपा, हिन्दू कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले 'मुल्ला मुलायम' की सपा जैसे लोग वापिस आ ही जाएँगे। उस समय अगर राम मंदिर सरकारी नियंत्रण में रहे तो क्या होगा, ये कभी सोचा है?
मुस्लिम पक्षकारों के वकील एजाज मकबूल ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता पैनल द्वारा की गई रिपोर्ट की सिफारिशों को अस्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है।
"अयोध्या मामला जल्द ही सुलझने वाला है। विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। इस देश में पैदा हुए सभी लोगों के पूर्वज राम हैं। हर कोई यह जानता है कि अयोध्या में राम पैदा हुए थे। इसके बाद भी राजनीतिक स्वार्थवश इसे विवाद का विषय बना दिया गया।"