राज्यसभा में अगर नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB, कैब) पास हो जाता है, तो बांग्लादेश से आए 5 लाख से ज्यादा बंगाली हिंदू, जिन्हें एनआरसी की अंतिम सूची में जगह नहीं मिल पाई थी, उन्हें नागरिकता मिल जाएगी।
2011 से 2016 के बीच 107 लोगों ने इस कुप्रथा के चलते अपनी जान गँवाई थी। जबकि इसके बाद भाजपा के शासनकाल में इससे संबंधी आँकड़ों में अच्छी-खासी गिरावट। जून 2016 से लेकर अक्टूबर 2019 तक अंधविश्वास के चलते होने वाली हत्या का आँकड़ा गिरकर 23 पर आ गया।
आईआईटी गुवाहाटी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने हाई कोर्ट में मंदिर के खिलाफ याचिका डाली है। उनका दावा है कि यह 2015 तक सिर्फ़ एक चबूतरा था, जहाँ पीपल के पेड़ के नीचे कुछ मजदूरों ने देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ रख दी थी।
राजपूतों और मराठों की तरह कोई और भी था, जिसने मुगलों को न सिर्फ़ नाकों चने चबवाए बल्कि उन्हें खदेड़ कर भगाया। असम के उन योद्धाओं को राष्ट्रीय पहचान नहीं मिल पाई, जिन्होंने जलयुद्ध का ऐसा नमूना पेश किया कि औरंगज़ेब तक हिल उठा। आइए, चलते हैं पूर्व में।
एनआरसी की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए जस्टिस गोगोई ने मीडिया घरानों की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के चलते इस मुद्दे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिसके चलते स्थिति खराब हो गई।
पुलिस के मुताबिक उनके पास से आठ एके सीरीज राइफलें, जिंदा गोला बारूद और दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए। पुलिस उप महानिरीक्षक पीके भुइयां ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी उल्फा (आई) कैडरों के आत्मसमर्पण करने की उम्मीद है।
बदरुद्दीन का कहना है कि असम सरकार मुस्लिमों को सरकारी नौकरी देने से रोकने के लिए यह कानून लाई है। उन्होंने कहा कि सचर समिति के अनुसार अभी 2 फीसदी से भी कम मुस्लिमों को सरकारी नौकरी मिलती है।
इस नई नीति के तहत यह शर्त सिर्फ किसी को सरकारी नौकरी देते वक्त ही ध्यान में नहीं रखी जाएगी, बल्कि नौकरी के अंत तक सभी को इस नीति के हिसाब से यह ध्यान रखना होगा कि उनके बच्चों की संख्या दो से अधिक ना हो। बच्चों की संख्या दो से अधिक होने पर सरकारी नौकरी से उस व्यक्ति को निकाला भी जा सकता है।
यह पहली बार नहीं है कि दुर्गा पूजा पर असम में मन्दिर और मूर्तियों को निशाना बनाया गया है। पिछले साल भी दुर्गा पूजा के दौरान दो-दो बार मूर्तियों पर हमले हुए थे।पिछले साल भी दुर्गा पूजा के दौरान दो-दो बार मूर्तियों पर हमले हुए थे।
लसकर का ट्विटर अकॉउंट देखने पर मालूम हुआ कि उसके अधिकतर ट्वीट नफरत से भरे हुए हैं। एक में लिखा गया है कि कश्मीर कभी हिंदुओं का नहीं हो सकता, बल्कि कश्मीर में हिंदुओं का शमशान होगा। दूसरे में वो अगली पीढ़ी में बाबरी मस्जिद का बदला लेने की बात करता है।