हमले के लिए एक मस्जिद को टार्गेट किया गया क्योंकि वहाँ बड़ी संख्या में लोग नमाज़ के लिए इकट्ठा थे। मिसाइल और ड्रोन से किए गए हमले में 100 से अधिक सैनिकों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए।
कश्मीर समिति दिल्ली के अध्यक्ष समीर चंगू का कहना है कि हमारा तो सबकुछ लुट गया। परिवार-रिश्तेदार और पड़ोसी सब। पीड़ा तो थी ही ज़बरदस्त गुस्सा भी था। लेकिन, हम उनकी तरह जवाब नहीं दे सकते थे। हमने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया।
सितंबर 2009 में आइएसआइ एजेंट इम्तियाज सचेंडी से पकड़ा गया था। सितंबर 2009 में बिठूर से आइएसआइ एजेंट वकास गिरफ्तार किया गया। सितंबर 2011 में आइएसआइ एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को एटीएस ने रेलबाजार से गिरफ्तार किया।
आतंकियों की पहचान एजाज अहमद शेख, उमर हमीद शेख, इम्तियाज अहमद, साहिल फारूख और नसीर अहमद मीर के रूप में हुई है। कश्मीर यूनिवर्सिटी के बाहर हुए ग्रेनेड हमले भी शामिल थे यही आतंकी।
2008 में आतंक से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मनमोहन सरकार एक कानून लाती है। यह अच्छा काम भी कर रही होती है। लेकिन कॉन्ग्रेस के ही एक मुख्यमंत्री को इससे दिकक्त होने लगी, पहुँच गए सुप्रीम कोर्ट। कॉन्ग्रेसी CM के फैसले से खुश कौन है? - PFI, वही, जिस पर खुद बैन लगने की तलवार लटक रही है।
हमने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है, जिससे कि आतंक प्रयोजित और उनके लिए फंडिंग करने वाले देशों को कूटनीतिक तरीके से विश्व स्तर पर अलग-थलग किया जा सके। हम आतंक को खत्म करना चाहते हैं तो हमें अमेरिका द्वारा 9/11 के बाद आंतकियों के ख़िलाफ अपनाई गई नीति को अपनाना होगा
अक्षय प्रीतमदास भाटिया, मनीष आडवाणी... जैसे कई नामों के सहारे एजाज करीब 22 साल तक पुलिस और खुफिया एजेंसियों की आँख में धूल झोंकता रहा। इस दौरान उसने नाम ही नहीं बदले। रूप-रंग और जीवनशैली भी नाम के अनुसार बदली।
पिछले कुछ सालों में बिहार से कई आतंकी पकड़े गए हैं। बीते साल ही गया से जमात आतंकी दबोचा गया था। इतनी गिरफ़्तारियों से यह सवाल उठने लगा है कि आतंकियों के लिए बिहार सेफ़-ज़ोन तो नहीं बनता जा रहा?
स्थानीय लोगों के अनुसार पटाखा फैक्ट्री के नाम पर बम बनाने का काम चल रहा था। इस इलाके में कई ऐसी फैक्ट्रियॉं होने की बात कही जा रही जहॉं पटाखों के नाम पर प्रतिबंधित बम बनाए जाते हैं। आशंका जताई कि इस फैक्ट्री का सम्बन्ध आईएसआई या अन्य आतंकी संगठनों से हो सकता है।
क़ानूनविद अब्दिरिजाक मोहम्मद ने भी ट्विटर के माध्यम से इस घटना की सूचना दी। उनके अनुसार, बम विस्फोट में 17 पुलिस अधिकारी, 73 नागरिक और 4 विदेशी नागरिक विस्फोट के पीड़ितों में शामिल हैं। ये बम विस्फोट शहर के टैक्स ऑफ़िस के पास हुआ है।