Sunday, November 17, 2024

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दिसंबर से शुरू हो गई थी प्लानिंग, 4 स्टेज में अंजाम दिए गए दिल्ली के दंगे: SC वकील मोनिका अरोड़ा की ऑपइंडिया से बातचीत

दिल्ली दंगों में चार्जशीट दाखिल होने का सिलसिला शुरू होते ही 'मासूम' नैरेटिव गढ़ने की कोशिशें भी शुरू हो गई है। जानिए, मोनिका अरोड़ा से कैसे रची गई थी पूरी साजिश।

‘सेकुलर’ प्रोपेगेंडा को ‘राष्ट्रवादी’ कार्टूनों से ध्वस्त करता नवयुवक; हिन्दुओं के नरसंहार ने बनाया आर्टिस्ट

इस कलाकार के इरादे इस दिशा में तब और मजबूत हुए, जब 19 जनवरी को उन्होंने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार पर 30 साल बीत जाने पर भी लोगों को चुप देखा।

NCERT किताबों में तथ्य कम, झूठ ज्यादा: अजीत भारती की नीरज अत्री से बातचीत | Ajeet Bharti discussing Leftist Propaganda in NCERT Books

NCERT पुस्तकों में मुगलों और इस्लामिक शासकों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है, जबकि हिन्दू राज्यों को ऐसे प्रस्तुत किया गया है, जैसे...

इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी लौटें अपने गृहराज्य: प्रदीप भंडारी से मजदूरों के हालात और आगे की जिंदगी पर बातचीत

किसी भी प्रवासी में मोदी के विरोध जैसी कोई भावना नहीं थी। यहाँ तक कि कई लोगों की राय थी कि अगर मोदी पीएम नहीं होते तो देश की स्थिति और खराब हो सकती थी।

दिल्ली दंगों पर कपिल मिश्रा से अजीत भारती की बातचीत | Ajeet Bharti with Kapil Mishra on Delhi Riots

दिल्ली में हुए दंगों के लिए जिस तरह से तमाम वामपंथी मीडिया कपिल मिश्रा को जिम्मेदार बताने पर तुला है, वो बताता है कि फर्जी नैरेटिव गढ़ना...

Interview: ‘पंचायत चुनावों ने की गाँवों की हत्या, नए लेखकों ने रखा लव जिहाद जैसे विषय को साहित्य से अछूता’

चाहे कोई भी वर्ग हो वो उनकी किताब की चाहकर भी नकारात्मक आलोचना नहीं कर सकता, क्योंकि उन्होंने अपनी किताब में सिर्फ़ सच्चाई लिखी है। वे कहते हैं कि किताब में मौजूद कहानियों को पाठक अपने से जोड़कर महसूस कर पाएगा और उसे ये भी लगेगा कि अगर वो इन मुद्दों पर लिखता तो वैसा ही लिखता जैसे श्रीमुख ने उन्हें पेश किया।

हिंदू कॉलेज में कश्मीरी पंडितों का दर्द बयाँ कर रही थी दीपिका, टूट पड़े वामपंथी गुंडे

दीपिका को चुप कराने के लिए जब इस्लामिक नारे लगाए गए, तब वह अपनी सीनियर रहीं आकृति रैना का पत्र पढ़ रही थीं। हिंदू कॉलेज में राजनीति विज्ञान की छात्रा रहीं आकृति ने पत्र में अपने ही परिवार के विस्थापन की कहानी लिखी थी।

प्रोफेसरों व वामपंथी छात्रों ने मिल कर किया प्रताड़ित: JNU के छात्र मनीष ने बताया कैसे ‘मीडिया’ भी है साज़िश में शामिल

ऑपइंडिया पर ABVP JNU के छात्र मनीष जांगिड़ का वो इंटरव्यू, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे साज़िश के तहत जेएनयू में हिंसा हुई और तुरंत कॉन्ग्रेस व वामपंथी नेता पहुँच गए। उन्होंने राहुल कँवल पर भी बड़ा आरोप लगाया। जेएनयू में कैसे वामपंथी गुंडों को बचाया जा रहा है, जानें मनीष के शब्दों में।

‘मैथिल बातों के वीर हैं, जमीनी स्तर पर काम करना उन्हें पहाड़ तोड़ने जैसा लगता है’

"बंगालियों या तमिल लोगों की तरह हम अपनी भाषा से प्रेम नहीं करते। हमें महानगरों में, मॉल्स में, कॉरपोरेट दफ्तरों में, मैथिली बोलने में शर्म आती है। यह हीन भावना हम मैथिली बोलने वालों ने खुद ही विकसित की है।"

पानी जिसे मोदी जी याद कर रहे हैं, पानी जो देश से गायब होता जा रहा है

"मंत्रालय तो पहले भी थे, योजनाएँ भी हैं लोकिन जब तक आप जिम्मेदारी फिक्स नहीं करेंगे, मंत्रालय तो मंत्री, सेक्रेटरी, इंजीनियर जुटाने का जरिया बन कर रह जाएगा। लोगों को शामिल करने से पहले सरकार को इस आपदा को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए।"

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