सारा अब्दुल्लाह पायलट की याचिका पर आज जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अपना पक्ष रखा। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पिछले 7 महीने से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह को हिरासत में रखे जाने को जरुरी बताया।
सचिन और सारा की शादी जनवरी 2004 में हुई थी। लेकिन, शादी में सारा के भाई और अब्बा शामिल नहीं हुए थे, क्योंकि वे एक हिन्दू से उनके रिश्ते को लेकर नाराज़ थे। फ़ारूक़ और उमर, दोनों ने ही उनके विवाह कार्यक्रम से दूरी बना ली थी।
"मैं तो इस तस्वीर में उमर अब्दुल्ला को पहचान ही नहीं पा रही हूँ। मुझे काफ़ी दुख महसूस हो रहा है। मैं उदास हूँ। ये काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे लोकतांत्रिक राष्ट्र में ऐसा हो रहा है। ये सब आख़िर कब थमेगा?"
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिए जाने के बाद उनकी इच्छा से मांसाहारी भोजन मुहैया कराया जाता था। लेकिन, एक महीने से दोनों ने मांसाहारी खाना चखा तक नहीं है। अब साग, दाल, सब्जी ही उनकी खुराक है।
1 नवंबर को जम्मू-कश्मीर रीआर्गेनाईजेशन बिल के लागू होते ही इन कश्मीरी नेताओं को मिल रही सारी सरकारी सुख-सुविधाएँ अपने-आप हट जाएँगी। उमर अब्दुल्ला के बंगले में तो अत्याधुनिक जिम सहित कई अन्य सुविधाओं पर करोड़ों ख़र्च किए गए हैं।
"मोदी सरकार के इस कदम से साफ हो गया है कि राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों के लिए देश में कोई जगह नहीं है। जन संघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू- कश्मीर में एक संविधान और एक विधान को लेकर जो संघर्ष किया उनका पक्ष आखिरकार सही साबित हुआ है और नेहरू और शेख अब्दुल्ला गलत साबित हुए हैं।"
महबूबा मुफ्ती को चश्मे शाही में रखा गया है। उनके बारे में पता चला है कि वो अपना समय किताबें पढ़कर काट रही हैं। इसके अलावा प्रशासन की ओर से उन्हें पास के मुगल गार्डन में टहलने की अनुमति मिली हुई है।
महबूबा के साथ विवाद के दौरान उमर उन पर चिल्ला पड़े। उन्होंने महबूबा के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर भाजपा के साथ 2015 में गठबंधन करने का आरोप मढ़ा। महबूबा ने भी उमर को याद दिलाया कि किस तरह से उनके पिता फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा का साथ दिया था।
8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा था कि उनकी याचिका पर नियत समय पर ही सुनवाई होगी।