मोदी सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय राज्यमंत्री ने यह ‘आश्वासन’ देकर हड़कंप मचा दिया है कि कश्मीर के नज़रबंद चल रहे प्रमुख नेता, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला पिता-पुत्र और महबूबा मुफ़्ती शामिल हैं, ’18 महीने से कम में ही’ आज़ाद कर दिए जाएँगे। जितेंद्र सिंह जम्मू के कटरा में मीडिया से रविवार को बात कर रहे थे।
Detained leaders in #JammuKashmir will be free in less than 18 months: Dr #JitendraSinghhttps://t.co/RKGB3U5VsG
— Free Press Journal (@fpjindia) September 18, 2019
इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी की ओर था इशारा
मंगलवार को अपने बयान की पुष्टि करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि चूँकि मीडिया हर समय उनसे कश्मीरी नेताओं की रिहाई की समयसीमा पूछता रहता है, इसलिए वह “18 महीने से कम में ही” बता देते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार यह इशारा इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी की ओर है, जब कई विपक्षी नेताओं को 18 महीने तक का समय जेल में ही काटना पड़ा था।
The statement is a jibe at the Congress and other opposition parties on the duration of the 1975 Emergency imposed by Indira Gandhi.https://t.co/xCYuOYgnG7
— News18.com (@news18dotcom) September 18, 2019
72 साल से कम में फिर से राज्य बन जाएगा जम्मू-कश्मीर
जितेंद्र सिंह ने इतिहास पर चुटकी लेना यही नहीं रोका। जब उनसे पूछा गया कि राज्य को केंद्र-शासित प्रदेश से दोबारा पूर्ण राज्य बनने में कितना समय लगेगा, तो इसपर भी उन्होंने कहा कि 72 साल नहीं लगेंगे। यहाँ इशारा अनुच्छेद 370 हटाने में 72 साल लग जाने की ओर था। जब राज्य की स्थिति सामान्य हो जाएगी, तो प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से दे दिया जाएगा।
जितेंद्र सिंह से जब आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को नौकरी दिए जाने की खबरों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की नौकरी को लेकर अपनी नीतियाँ होती हैं, जम्मू-कश्मीर में भी उन्हीं नीतियों का पालन किया जाएगा।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “मोदी सरकार के इस कदम से साफ हो गया है कि राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों के लिए देश में कोई जगह नहीं है। जन संघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू- कश्मीर में एक संविधान और एक विधान को लेकर जो संघर्ष किया उनका पक्ष आखिरकार सही साबित हुआ है और नेहरू और शेख अब्दुल्ला गलत साबित हुए हैं।”