Tuesday, July 15, 2025
Homeराजनीतिगिरफ्तार कश्मीरी नेताओं को 18 महीने से कम में ही रिहा कर देंगे: जितेंद्र...

गिरफ्तार कश्मीरी नेताओं को 18 महीने से कम में ही रिहा कर देंगे: जितेंद्र सिंह

जब उनसे पूछा गया कि राज्य को केंद्र-शासित प्रदेश से दोबारा पूर्ण राज्य बनने में कितना समय लगेगा, तो इसपर भी उन्होंने कहा कि 72 साल नहीं लगेंगे। यहाँ इशारा अनुच्छेद 370 हटाने में 72 साल लग जाने की ओर था।

मोदी सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय राज्यमंत्री ने यह ‘आश्वासन’ देकर हड़कंप मचा दिया है कि कश्मीर के नज़रबंद चल रहे प्रमुख नेता, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला पिता-पुत्र और महबूबा मुफ़्ती शामिल हैं, ’18 महीने से कम में ही’ आज़ाद कर दिए जाएँगे। जितेंद्र सिंह जम्मू के कटरा में मीडिया से रविवार को बात कर रहे थे।

इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी की ओर था इशारा

मंगलवार को अपने बयान की पुष्टि करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि चूँकि मीडिया हर समय उनसे कश्मीरी नेताओं की रिहाई की समयसीमा पूछता रहता है, इसलिए वह “18 महीने से कम में ही” बता देते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार यह इशारा इंदिरा गाँधी की इमरजेंसी की ओर है, जब कई विपक्षी नेताओं को 18 महीने तक का समय जेल में ही काटना पड़ा था।

72 साल से कम में फिर से राज्य बन जाएगा जम्मू-कश्मीर

जितेंद्र सिंह ने इतिहास पर चुटकी लेना यही नहीं रोका। जब उनसे पूछा गया कि राज्य को केंद्र-शासित प्रदेश से दोबारा पूर्ण राज्य बनने में कितना समय लगेगा, तो इसपर भी उन्होंने कहा कि 72 साल नहीं लगेंगे। यहाँ इशारा अनुच्छेद 370 हटाने में 72 साल लग जाने की ओर था। जब राज्य की स्थिति सामान्य हो जाएगी, तो प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से दे दिया जाएगा।

जितेंद्र सिंह से जब आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को नौकरी दिए जाने की खबरों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की नौकरी को लेकर अपनी नीतियाँ होती हैं, जम्मू-कश्मीर में भी उन्हीं नीतियों का पालन किया जाएगा।”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “मोदी सरकार के इस कदम से साफ हो गया है कि राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों के लिए देश में कोई जगह नहीं है। जन संघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू- कश्मीर में एक संविधान और एक विधान को लेकर जो संघर्ष किया उनका पक्ष आखिरकार सही साबित हुआ है और नेहरू और शेख अब्दुल्ला गलत साबित हुए हैं।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘यूक्रेन के साथ करो शांति समझौता, वरना लगाएँगे 100% टैरिफ’: पुतिन को ट्रम्प ने दिया 50 दिनों का अल्टीमेटम, नाटो के जरिए जेलेंस्की को...

ट्रंप ने रूस को धमकी देते हुए कहा है कि अगर 50 दिन में यूक्रेन से वह शांति समझौता नहीं करता तो उसके सामानों पर वह 100% टैरिफ लागू करेंगे।

पहले ‘पायलट की गलती’ वाली खबर चलाई, फिर फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गुमराह: क्या एअर इंडिया हादसे में विदेशी मीडिया ने पहले ही...

लगता है कि सारा दोष पायलटों पर मढ़ के बोइंग की साख को बचाने के लिए किया जा रहा है। पायलटों को बलि का बकरा बनाना बोइंग की पुरानी आदत रही है।
- विज्ञापन -