सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कहा कि वे राष्ट्र हित के नाम पर पाबंदियाँ लगा सकते हैं। लेकिन, समय-समय पर इनकी समीक्षा भी होनी चाहिए। न्यायमूर्ति एनवी रमण की अगुआई वाली एक पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसके जवाब में बताया कि प्रशासन रोज़ाना इन प्रतिबंधों की समीक्षा कर रहा है।
भारत सरकार इसे 2030 तक राष्ट्रीय प्राथमिकता में रखकर हकीकत का रूप देने पर विचार कर रही है। जिसके लिए 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार किया जा रहा है।
2017 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद इस तरह के पटाखों को बनाने के बारे में सोचा गया और इसी दिशा में काम करते हुए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने ग्रीन क्रैकर्स के विकास में अहम भूमिका निभाई। इस चुनौतीपूर्ण कार्य में...
प्रस्तावित मेट्रो शेड के कारण व्यापक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे, इसमें विभिन्न एनजीओ और फ़िल्मी सितारे शेड का विरोध करने के लिए एकजुट हुए थे। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि वर्तमान सरकार शहर को तबाह कर रही है, जंगलों को नष्ट कर रही है और सरकार का यह क़दम पर्यावरण विरोधी है।
केंद्र सरकार ने शनिवार (28 सितंबर) को INX मीडिया मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को चार अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति दे दी थी। इनमें नीति आयोग की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सिंधुश्री खुल्लर शामिल थीं।
केंद्र ने कुछेक राज्यों को 15.59 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज मुहैया कराया है। उपभोक्ताओं को अधिकतम 23.90 रुपए/किलो की कीमत पर मुहैया कराने को कहा गया है। दिल्ली ने 28 सितंबर से 5 दिनों के लिए प्रतिदिन 100 टन प्याज की माँग की है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार पर बड़ा कदम उठाते हुए 15 इनकम टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। इससे पहले भी ऐसा ही एक फैसला लिया गया था। उसमें हाई रैंक वाले भारतीय राजस्व सेवा के 27 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया था।
"पूरी दुनिया भारत को देख रही है। जाति, पंथ, धर्म, लिंग और क्षेत्र पर आधारित सभी मौजूदा सामाजिक बुराइयों को दूर किया जाना चाहिए, क्योंकि हम वन नेशन और वन पीपल हैं। हमें अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए, जो देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने के अलावा जीवन जीने का एक तरीका है।"
बीएसएनएल के चेयरमैन ने बताया कि कम्पनी ने अपने आंतरिक संसाधनों का इस्तेमाल कर कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में बीएसएनएल को 14,000 करोड़ का घाटा हुआ है और कम्पनी का राजस्व घट कर 19,308 करोड़ रुपया हो गया है।
सरकार के इतने कदमों के बाद भी मंदी को लेकर भ्रम व भयावहता फैलाए जाने का ठोस आधार है भी या नहीं? यह समझने के लिए हमें यह जानना होगा कि 2008-09 की वैश्विक महामंदी के समय की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिस्थितियों में बड़ा अंतर है।