INX मीडिया मामले में केद्र सरकार ने IAS अधिकारी प्रबोध सक्सेना के ख़िलाफ़ आपराधिक मुक़दमा चलाने की अनुमति दे दी है। बता दें कि प्रबोध कुमार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर हैं।
इस मामले में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि उन्हें इस संदर्भ में सूचना तो मिली है, लेकिन आधिकारिक तौर पर सरकार से अब तक कोई पत्राचार नहीं हुआ है। उनका कहना है कि यह मामला केंद्र सरकार का है, इसलिए सभी क़ानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगामी कार्रवाई की जाएगी।
ख़बर के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से प्रबोध सक्सेना समेत चार बड़े अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है, इन चारों के ख़िलाफ़ प्रोसिक्यूशन की मंज़ूरी दी गई है। CBI इस मामले में इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कोर्ट में चालान पेश करेगी। इसके साथ ही प्रबोध सक्सेना का नाम ऑफ़िसर ऑन डाउटफुल इंटेग्रिटी की लिस्ट में आ जाएगा। 1990 बैच के IAS अधिकारी प्रबोध सक्सेना के ख़िलाफ़ INX मीडिया मामले में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने केस चलाने की सिफ़ारिश की थी।
ग़ौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शनिवार (28 सितंबर) को INX मीडिया मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को चार अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति दे दी थी। इनमें नीति आयोग की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सिंधुश्री खुल्लर शामिल थीं। अन्य अधिकारयों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के पूर्व सचिव अनूप के पुजारी, वित्त मंत्रालय में निदेशक रहे प्रबोध सक्सेना और आर्थिक मामले विभाग के पूर्व अवर सचिव रबींद्र प्रसाद शामिल थे। ये सभी कथित रूप से INX मीडिया के विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड मंज़ूरी की प्रक्रिया में शामिल थे।
बता दें कि इस मामले में वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम आरोपित हैं। CBI ने 22 जनवरी को चार अधिकारियों के ख़िलाफ़ फ़ौजदारी का मुक़दमा दर्ज कराने की माँग की थी। पिछले दिनों सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम को कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 3 अक्टूबर तक बढ़ा दिया था। बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता पाँच सितंबर से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।