विधान परिषद में यह विधेयक पास होने के बाद देश के इतिहास में यह पहला राज्य होगा, जहाँ की तीन-तीन राजधानी होगी। इससे पहले अब तक महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश की दो राजधानी होती रही है।
"CM ने अपने घर की खिड़कियों के लिए 73 लाख रुपए के ख़र्चे को मंज़ूरी दी है! यह सरकारी खजाने की क़ीमत पर किया जा रहा है। यह ऐसे समय पर किया जा रहा है जब पिछले 5 महीनों से राज्य की जनता राजकोषीय गड़बड़ी से जूझ रही है।"
“चंद्रबाबू यदि आप पार्टी में मेरे जैसे लोगों को नहीं चाहते हैं, तो आप मुझे बता सकते हैं। मैं संसद सदस्य के रूप में और पार्टी की सदस्यता दोनों से इस्तीफा दे दूँगा। अगर आप चाहते हैं कि मेरे जैसे लोग बने रहें, तो कृपया अपने पालतू कुत्ते को नियंत्रित करें।”
राज्य सरकार द्वारा अमरावती में नायडू के आवास और चित्तूर जिले में उनके मूल स्थान नरवरिपल्ले में सुरक्षा वापस ले ली गई है। उनके परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा भी हाल ही में वापस ले लिया गया था और उनके बेटे नारा लोकेश को सुरक्षा के लिए सिर्फ दो कांस्टेबल दिए गए हैं।
आंध्र प्रदेश ने जब अपना प्रशासन हैदराबाद से अमरावती शिफ्ट किया था, तभी से चंद्रबाबू नायडू कृष्णा नदी के किनारे उंदावल्ली स्थित इस आवास में रह रहे थे। उस दौरान सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के जरिए प्रजा वेदिका का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास के रूप में किया था, जिसमें 5 करोड़ का खर्चा आया था।
लोकसभा चुनाव के दौरान व उससे पहले नायडू लगातार भारत भ्रमण कर विपक्षी नेताओं से मिल कर एकजुटता तैयार करने के प्रयास में लगे हुए थे। उन्होंने लगभग सभी बड़े विपक्षी नेताओं से मुलाक़ात की थी और खंडित जनादेश की स्थिति के लिए योजना बनाई थी।
इंडिया टुडे के अनुसार, तीन एग्जिट पोल्स का औसत निकालने पर पता चलता है कि 175 सीटों वाली राज्य की विधानसभा में टीडीपी को मात्र 65 सीटें आएँगी जबकि 106 सीटों के साथ रेड्डी की पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए ज़रूरी न्यूनतम आँकड़े से काफ़ी आगे निकल जाएगी।
शरद पवार ने चंद्रबाबू नायडू से बैठक के दौरान उन्हें झटका दिया। नायडू ने राहुल गाँधी, सीताराम येचुरी, अरविन्द केजरीवाल और अभिसेक सिंघवी से मुलाक़ात की है। वह सोनिया और ममता से भी मिलेंगे।उधर मायावती ने सोनिया गाँधी से मुलाक़ात रद्द कर दी है।
कॉन्ग्रेस भी तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने के लिए विपक्ष की पार्टियों को एकजुट करने में जुट गई है। इसके लिए कॉन्ग्रेस ने नेताओं से मिलने की क़वायद भी शुरू कर दी है। शुक्रवार (17 मई) को कॉन्ग्रेस ने कहा था कि वो एक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा की आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कन्ना लक्ष्मीनारायण का कहना है कि पीएम मोदी के खिलाफ जितना नकारात्मक प्रचार नायडू ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया है और वो चुनाव हार जाने के डर की वजह से इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।