20 दिन की उम्मी हबीबा को उसकी ही अम्मी ने कड़ाके के ठंड में मोदी विरोध की आग में झोंक दिया है। वामपंथी उस पर हाथ सेंक रहे। जबकि यही उम्मी बड़ी होगी तो पूछेगी- बिना कानून पढ़े, किसके उकसाने पर मेरी जान को खतरे में डाल आई थी?
अदालत ने आरोपित को नाबालिग नहीं माना है। अब उसकी जमानत याचिका पर अगली तारीख पर बालिग़ मान कर सुनवाई की जाएगी। इससे पहले उसे बाकी आरोपितों से अलग रखने का निर्देश दिया गया था क्योंकि उसने ख़ुद को नाबालिग बताया था।
वर्ष 2019 जाने वाला है और इसी के साथ ऑपइंडिया हिन्दी के भी एक साल पूरे हो रहे हैं। इस साल राजनीति और समाज से ले कर न्यायपालिका और मीडिया से जुड़ी कई ऐसी खबरें थीं, जिन्हें पाठकों ने खूब पढ़ा और पसंद किया। 2020 में हम और भी उत्साह से बने रहेंगे आपके साथ।
हैरानी की बात देखिए, दिल्ली की सबसे हालिया समस्या प्रदूषण पर कोई राजनैतिक पार्टी बात नहीं करती। क्योंकि अब राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता हथियाने का पैमाना केवल 'फ्री-फ्री' की राजनीति पर आ टिका है।
दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीडियो और लेटर के जरिए अफवाह फ़ैलाने वालों के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया है और मुखर्जी नगर के लोगों से अपील की है कि वह सोशल मीडिया पर ऐसे फर्जी पोस्ट पर ध्यान ना दें।
एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आपके स्कूल का इंतजाम कर दिया, आपके पानी का इंतजाम कर दिया। आपके दवा-दारू का इंतजाम कर दिया। फिर उन्होंने थोड़ा रुक कर कहा- दारू का नहीं, दवा का इंतजाम किया।
सीएए के विरोध के नाम पर जामिया में हुई हिंसा के दौरान एक वीडियो सामने आया था। इसमें मौके पर अमानतुल्लाह हिंसक भीड़ के साथ नजर आए थे। उन्होंने विरोध के नाम पर हिंसा करने वाले छात्रों के समर्थन की बात भी कही थी।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कपिल कुमार ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपितों को राहत देने के लिए उनके पास पर्याप्त आधार नहीं है। जिसके कारण उन्हें बेल नहीं दी जा सकती है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि दंगाई बाइकों पर पेट्रोल डाल कर उन्हें आग के हवाले कर रहे हैं। ये वीडियो फुटेज 15 दिसंबर के हैं। दंगाइयों को वीडियो में पत्थरबाजी करते हुए भी देखा जा सकता है।