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Friday, April 11, 2025
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दरियागंज हिंसा: कोर्ट ने खारिज की 15 आरोपितों की बेल याचिका, भेजा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

कोर्ट में आरोपितों की गिरफ्तारी का कारण पूछने पर पुलिस ने बताया कि आरोपितों ने उस दिन पथराव किया। जिससे पुलिस उपायुक्त सहित कई लोग घायल हो गए। साथ ही कहा गया कि अगर वे इन लोगों को गिरफ्तार नहीं करते तो ये सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचा सकते थे।

नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के दरियागंज में प्रदर्शन के नाम पर हुई हिंसा और आगजनी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 15 आरोपितों को दिल्ली पुलिस ने आज (दिसंबर 23, 2019) तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। जहाँ इनकी बेल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही अदालत ने सभी 15 आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि आरोपितों के वकील बेल को लेकर सेशंस कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कपिल कुमार ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपितों को राहत देने के लिए उनके पास पर्याप्त आधार नहीं है। जिसके कारण उन्हें बेल नहीं दी जा सकती है।

वहीं, कोर्ट में आरोपितों की गिरफ्तारी का कारण पूछने पर पुलिस ने बताया कि आरोपितों ने उस दिन पथराव किया। जिससे पुलिस उपायुक्त सहित कई लोग घायल हो गए। साथ ही कहा गया कि अगर वे इन लोगों को गिरफ्तार नहीं करते तो ये सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचा सकते थे। पुलिस के अनुसार अभी इनके अलावा अन्य कुछ और लोगों को भी वीडियो के जरिए पहचाना जा रहा है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को नागरिकता संशोधन एक्ट के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़कने के बाद प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी थी, साथ ही पुलिस पर पत्थरबाजी भी की थी। पुलिस ने इन्हीं आरोपों में 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। साथ ही कुछ नाबालिगों को पुलिस द्वारा हिरासत में भी लिया गया था। लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।

बता दें दिल्ली के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन एक्ट के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुआ है, लेकिन जामिया नगर, सीलमपुर, दरियागंज कुछ ऐसे इलाके हैं जहाँ इन्हें लेकर पत्थरबाजी और हिंसा दोनों की खबरें आईं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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