“हमारे पास उनकी लिस्ट तैयार है और वे हमारे सम्पर्क में हैं।” मुकुल रॉय के मुताबिक़, बीजेपी में शामिल होने वाले ये 107 विधायक मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), कॉन्ग्रेस और तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी (TMC) से हैं।
"मेरे बेटे आर्यन का एक दोस्त है आकाश। दोनों पहली कक्षा के छात्र हैं। दो क्लास के बीच खाली पीरियड में आकाश ने मेरे बेटे को जय श्री राम बोलने के लिए बोला तो उसने बोल दिया। लेकिन उसी समय पास से गुजर रहे एक शिक्षक ने यह सुन लिया और उसने मेरे बेटे की पिटाई कर दी।"
बम हमले के कारण BSF जवान के दाएँ हाथ की केहुनी से नीचे का हिस्सा उनके शरीर से अलग हो गया। बम के छर्रे उनके शरीर में धँस गए। जवान अनीसुर रहमान के शरीर में बम के छर्रे धंसने से उनके लीवर, फेफड़े और पेट बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं।
ड्राइवर ने उन्हें ज़बरदस्ती गाड़ी से खींच कर निकाला। स्वास्तिका ने जब मदद की गुहार लगाई तो ड्राइवर ने उन्हें धमकी दी और अन्य लड़कों को बुला लिया। उसने अभिनेत्री से कहा, "की कोरबि कॉर, देखि की कोरते पारिश" (देखता हूँ क्या कर लेती हो)
बंगाल में हाल ही में पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है, जिसमें ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुए सिंगुर आंदोलन के अलावा उनके द्वारा किए गए अन्य आन्दोलनों को जगह दी गई है। कई ऐसी पुस्तकों के सामने आने की ख़बर है, जिसमें भारतीय विभूतियों को ग़लत तरीके से पेश किया गया है।
भाजपा के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गृह मंत्री के पद से तत्काल इस्तीफा देने की माँग करते हुए कहा कि वह राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह नाकाम हो गई हैं।
टीएमसी नेता जे तिवारी ने कहा, “वे हमला करने के इरादे से आए थे, लेकिन निगम के गेट को छू भी नहीं सके। बाबुल सुप्रियो, अगर तुम भाजपा के बंदर हो, तो हम आसनसोल में तुम्हारे लिए पिंजरा तैयार कर चुके हैं। हम तुम्हारे जैसे बंदरों को अपने पास रखने की क्षमता रखते हैं।”
अमर्त्य सेन का कहना है कि ‘माँ दुर्गा’ बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं और अब बंगाल में जय श्री राम का इस्तेमाल लोगों को पीटने के लिए किया जा रहा है।
आपकी औकात नहीं है किसी भी पब्लिक स्टेज पर यह बोलने की कि मजहबी नारे का प्रयोग आतंकी हमलों के लिए किया जाता है। पीटने के लिए उपयोग किए गए नारे में और काले झंडे पर लिख कर, अपने आत्मघाती हमले या टेरर अटैक के पहले लिखे पोस्ट या वीडियो में बोले जाने वाले नारे में ‘पीटने’ और ‘कई लोगों की जान ले लेने’ जितना का अंतर है।
निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि कहीं पूजा पंडाल के कारण सड़क जाम की स्थिति या लोगों के परेशानी होने की संभावना भी दिखती है तो ऐसी स्थिति में उक्त जगह पंडाल निर्माण की अनुमति नहीं होगी और ना ही उसे पूजा की अनुमति दी जाएगी। न केवल थानों में बल्कि राज्यभर के सभी पंजीकृत पूजा कमेटियों को भी इस निर्देश की प्रति भेजी गई है।