केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास BAT के हमले को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने पाँच-सात घुसपैठिए मार गिराए। पाँच-सात पाकिस्तानी सेना के जवान/ आतंकवादी के शव अब भी एलओसी पर पड़े हैं। सेना ने सबूत के तौर पर चार शवों की सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी की है।
केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास BAT के हमले को नाकाम करते हुए सेना ने 5-7 घुसपैठिए मार गिराए। 5-7 पाकिस्तानी सेना के जवान/आतंकवादी के शव अब भी एलओसी पर पड़े हैं। भारतीय सेना ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना सफेद झंडे के साथ आकर इन शवों को ले जा सकती है।
पाकिस्तानी सेना से प्रशिक्षित यह दस्ता अमूमन आधी रात के बाद हरकत में आता है और चुपके से भारतीय चौकियों के पास जवानों पर घात लगाकर हमले करता है। कश्मीर में दशकों से चल रहे छद्म युद्ध की वजह से पाकिस्तानी सेना इस टीम में जान-बूझकर आतंकियों का इस्तेमाल करती है ताकि पकड़े जाने पर वह आसानी से इनसे पीछा छुड़ा ले।
5-7 पाकिस्तानी सेना के जवान/आतंकवादी के शव एलओसी पर पड़े हैं। भारी गोलीबारी के चलते शवों को हटाया नहीं जा सका है और ना ही उनकी पहचान हो पाई है। सेना ने सबूत के तौर पर 4 शवों की सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी की है।
भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के आरोप का खंडन करते हुए कहा है कि इस प्रकार की प्रतिक्रियाएँ सिर्फ सैन्य ठिकानों और पाकिस्तानी सेना की मदद से आने वाले घुसपैठिए आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल की जाती हैं और पाकिस्तान द्वारा भारतीय सेना पर लगाए जा रहे क्लस्टर इस्तेमाल करने के आरोप बेबुनियाद हैं।
क़ाज़ी शिबली को उसके कुछ ऐसे ट्वीट्स पर सवाल उठाने के आरोप में हिरासत में लिया गया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती के संबंध में एक आधिकारिक आदेश की जानकारी शामिल थी।
तीनों आरोपितों ने काम पर लगने के साथ ही सेना के जवानों और कैंट क्षेत्र के अंदर की गतिविधियों को मोबाइल में रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया था। ये तीनों पाकिस्तानी जासूसों के लगातार सम्पर्क में थे और उन्हें सेना की गतिविधियों से जुड़ी सूचनाएँ भेजते थे।
हमले को अंजाम देने के लिए गुलाम कश्मीर के नेजापीर सेक्टर से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। इसके अलावा श्रीनगर-बारामुला-उरी हाइवे पर सेना के काफिले को भी आईईडी धमाके से निशाना बनाने की योजना थी।
पाकिस्तान के अंदर कई मदरसे न केवल वैचारिक प्रचार के केंद्र के रूप में कार्य करते हैं, बल्कि सभी प्रकार की आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण भी प्राप्त करते हैं, जो धीरे-धीरे आतंकियों के लिए धन इकट्ठा करने वाले समूहों में तब्दील हो जाते हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने पत्रकारों को बताया कि आतंकवादियों के पास से पाकिस्तान सेना की लैंडमाइंस बरामद की गई है। इससे साबित होता है कि कश्मीर में आतंकवाद के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।