इस समय सोशल मीडिया पर कई सौ या शायद हजारों की तादाद में ऐसे सबूत वायरल हो रहे हैं जो राणा अयूब की फर्जी दावों को झूठा साबित करते हैं। बताते हैं कि सड़कों पर उतरी कट्टरपंथियों की भीड़ न शांतिपूर्ण है और न ही उसका मकसद पाक है।
NDTV ने ट्वीट के पूरे अर्थ को ही अपने मन-मुताबिक बदल दिया। जहाँ All the rioters are shocked (to see police action) होना चाहिए, वहाँ लिखा - 'SHOCKED EVERY PROTESTER' जिसका मतलब है कि ‘हर प्रदर्शनकारी को (पुलिस ने/सरकार ने) हैरान कर दिया।
1. जामिया नगर में पुलिस प्रदर्शनकारियों को जान से मार रही है। 2. सीलमपुर में प्रदर्शनकारियों के ऊपर पुलिस बर्बरता दिखा रही, जान से मार रही। - ये वो दो न्यूज और वीडियो थे, जो फेक थे लेकिन जिस समय इन्हें फैलाया गया, उससे हिंसा भड़की और...
अफवाहों को चारों तरफ़ से नकारे जाने के बाद भी सोशल मीडिया पर पुलिस की गोली से जामिया के छात्रों के मारे जाने की ख़बरें लगातार सर्कुलेट होती रहीं। न सिर्फ़ प्रोपेगेंडा पोर्टलों ने बल्कि कुछ पत्रकारों ने भी छात्रों को भड़काने के लिए झूठी ख़बरें शेयर की।
मीडिया के इस वर्ग की सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि इसके लोग अपने से भिन्न विचार वाले इंसान को देखना तक नहीं चाहते। इनके मुताबिक मुख्यधारा की चर्चाओं में एक आम नागरिक के लिए कोई जगह नहीं है, चर्चा का यह मंच सिर्फ और सिर्फ इलीट क्लब के लोगों का एकाधिकार है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट में ऑपइंडिया की खबर का ज़िक्र हुआ- यह सुनकर उनके कान खड़े हो गए।
PM मोदी ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने और 'हिन्दू राष्ट्र में योगदान' देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है। हिन्दू राष्ट्र के लिए यह एक नया इतिहास बनेगा और ऐसे 'नाज़ुक समय पर समर्थन' के लिए...
पाकिस्तान के समर्थन में प्रोपेगंडा NDTV के लिए नया नहीं है। हाल ही में पाकिस्तान ने एनडीटीवी की ही एक फुटेज को अपने भारत-विरोधी एजेंडा को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। निधि ने अपने चैनल के 'काम' को आगे बढ़ाते हुए...
पाकिस्तान ने भारत में, भारत-पाकिस्तान सीमा से हज़ारों किलोमीटर दूर हुए एक हादसे को अपनी सेना की बहादुरी और भारत की शिकस्त बताते हुए प्रोपेगंडा करने की कोशिश की है।
मैनपुरी पुलिस ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से प्रियंका गाँधी की फ़र्ज़ी ख़बर का खंडन किया है। कहा कि उन्होंने बेवजह इस मुद्दे को जातिवादी रंग दिया। दो पक्षों के बीच जो झड़प हुई थी वो राजपूत परिवार के बीच हुई थी।
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट के अंत में लिखा कि पराली जलाने पर खुली धमकी देने वाला संगठन (भारतीय किसान यूनियन) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संगठन है। जबकि वास्तविकता में ये संगठन आरएसएस से जुड़ा हुआ ही नहीं है।