तलताली में नदी तट पर कब्जे को लेकर टीएमसी के दो गुटों के बीच हिंसक झड़पें होती रहती है। इसी महीने की 12 तारीख को दोनों गुटों के बीच बमबाजी हुई थी। धमाके में मारे गए तीनों लोग उस घटना में भी शामिल थे।
धनखड़ ने पिछले हफ़्ते जिला अधिकारियों, जिला मजिस्ट्रेटों और चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ धमखाली और सजनाखाली में बैठक करने की इच्छा जताई थी। लेकिन जिला प्रशासन ने सोमवार को उनके सचिव को इत्तला किया कि प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर पाना बिना राज्य सरकार की अनुमति के संभव नहीं हो पाएगा।
"मैंने उनसे बहुत बार पानी माँगा। मुझे दिख रहा था कि वे सब पानी पी रहे हैं, लेकिन मुझे 14 घंटे तक पानी नहीं दिया। सुबह 4:50 पर वे मुझे बाहर लेकर आए और गाड़ी में डाल दिया। बार-बार पूछने पर भी नहीं बताया कि लेकर कहाँ जा रहे हैं।"
तृणमूल कार्यकर्ता रंजीत मंडल ने 'जय श्री राम' कहा। बस इतनी सी बात पर एक अन्य तृणमूल कार्यकर्ता तारक परोइ गुस्सा हो गया और उसने गालियाँ बकनी शुरू कर दी। वह इतने पर ही नहीं रुका, उसने मंडल की जम कर पिटाई भी की और उसे घायल कर दिया।
बंधु प्रकाश गलत राज्य में पैदा हुआ, गलत जाति-धर्म का था, गलत राज्य में मारा गया। मरने के बाद की चर्चा में बने रहने के लिए आपको निर्दोष होना मात्र 'सही' नहीं होता। आपको किसी खास जाति, किसी खास मजहब में होना होता है, किसी खास तरह के हत्यारे का शिकार बनना पड़ता है, और वहाँ सत्तारूढ़ पार्टी कौन सी है, इसका भी बहुत असर पड़ता है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने काँपती हुई आवाज़ में कहा कि वो आहत दिल से अपने इस अपमान का जिक्र कर रहे हैं और उन्हें अपने साथ हुए व्यवहार को लेकर रोना भी आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस अपमान की पीड़ा से बाहर निकलने के लिए उन्हें 3 दिन लगे।
ऐसा बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपित उत्पल ने पुलिस पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उत्पल का कहना है उसने बंधु प्रकाश पाल की इंशोरेंस कंपनी में पैसे लगाए हुए थे। उत्पल ने पुलिस को बताया कि उसे बंधु प्रकाश से 24000 रुपए लेने थे। लेकिन......
चाकुओं से गोदने और रेतने में वही अंतर है जो झटका और हलाल में होता है। एक में पीड़ित को सिर्फ मारना उद्देश्य होता है, एक में तड़पा कर मारना, और शायद कोई मैसेज देना।
ममता बनर्जी ने कहा है कि भाजपा त्रिपुरा में माकपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर रही है, इसके बावजूद माकपा को बंगाल में बीजेपी का विरोध करने के बजाय उसका साथ दे रही है और तृणमूल कॉन्ग्रेस सरकार की छवि धूमिल करने पर उतारू रहती है।