“जिस दिन मुझे इस तरह का कोई आमंत्रण आ गया उस दिन सेक्युलरिज्म खतरे में आ जाएगा। और मैं ऐसा बिलकुल नहीं चाहता कि धर्म निरपेक्षता पर किसी भी तरह का ख़तरा हो"
"मेरा जो काम है वो काम मैं करूँगा। मैं अपने कार्य को हमेशा कर्तव्य और धर्म मानकर चलता हूँ। मैं जानता हूँ कि मुझे कोई बुलाएगा नहीं इसलिए मैं जाऊँगा भी नहीं।"