Thursday, April 25, 2024
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इजरायल के गेट से अल-अक्सा मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले गद्दार, लोग उन पर थूकेंगे: फिलिस्तीन के ग्रैंड मुफ्ती का फतवा

“जो कोई भी फिलिस्तीन के द्वार के माध्यम से अक्सा मस्जिद का दौरा करना चाहता है, उनका स्वागत है, हम खुशी मनाएँगे। लेकिन जो कोई भी इजरायल के द्वार से आना चाहता है, वह अवांछित है, और उसे यरूशलेम के लोगों के जूते और उसके चेहरे पर यरूशलेम के लोगों के थूक के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा।”

फिलिस्तीन के ग्रैंड मुफ्ती शेख मोहम्मद हुसैन ने एक फतवा जारी करते हुए कहा है कि इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के समझौते के बाद अल-अक्सा मस्जिद में नमाज अदा करना यूएई वालों के लिए हराम है। अल-अक्सा मस्जिद में केवल उन्हीं को नमाज की इजाजत है, जो इस्लामिक सीरिया से होकर आते हैं। 

फतवे के अनुसार, जो लोग अल-अक्सा मस्जिद में इजरायल के साथ दोस्ती के माध्यम से इबादत करते हैं, उनको इबादत की इजाज़त नहीं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका की तथाकथित शांति योजना, सेंचुरी डील में भी, अल-अक्सा मस्जिद को इजरायल के साथ दोस्ती का स्रोत बनाने का कुत्सित प्रयास किया गया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, फिलिस्तीन के ग्रैंड मुफ्ती ने घोषणा की है कि संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से इज़राइल की ओर से अल अक्सा मस्जिद में आने वाला कोई भी गद्दार और ‘अवांछित’ हैं, क्योंकि उन्होंने पहले ही इस तरह की यात्राओं को प्रतिबंधित करने का फतवा जारी कर रखा है।

फिलिस्तीन के ग्रैंड मुफ्ती ने कहा कि जो अल-अक्सा मस्जिद में नमाज अदा करना चाहते हैं, उन्हें ईमानदारी से फिलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन करना चाहिए और अल-अक्सा मस्जिद की मुक्ति के लिए काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो लोग इजरायल के दोस्त हैं, वे अल-कुद्स और अल-अक्सा मस्जिद को दुश्मन के कब्जा में देने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग यरूशलेम को इजरायल की राजधानी के रूप में समझते हैं, वे कैसे अल-अक्सा मस्जिद की मुक्ति के बारे में बात कर सकते हैं?

फिलिस्तीन के ग्रैंड मुफ्ती शेख मुहम्मद हुसैन ने कहा कि अल-अक्सा मस्जिद और उसके संपत्ति के संरक्षक केवल इस्लाम को मानने वाले हैं। इजरायल की मदद करने वाले का कोई अधिकार नहीं है।

बता दें कि फतवा में इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच इजरायल की यात्रा और यरुशलम अल-अक्सा मस्जिद में प्रार्थना करने के बीच इस्लाम को मानने वालों के सामान्यीकरण का लाभ लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।

यूएई-इजरायल शांति समझौते के तहत यरुशलम में इस्लाम मानने वाले सभी के लिए अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल को खोलने की अनुमति देता है। हालाँकि, फिलिस्तीनी प्राधिकरण इस समझौते को विश्वासघात मानता है। इसलिए साइट पर आने वाले किसी भी संप्रदाय विशेष के लोग को देशद्रोही माना जाता है।

मीडिया से बात करते हुए, शरिया जस्टिस के लिए पीए सुप्रीम काउंसिल के अध्यक्ष महमूद अल-हबश ने कहा, “जो कोई भी फिलिस्तीन के द्वार के माध्यम से अक्सा मस्जिद का दौरा करना चाहता है, उनका स्वागत है, हम खुशी मनाएँगे। लेकिन जो कोई भी इजरायल के द्वार से आना चाहता है, वह अवांछित है, और उसे यरूशलेम के लोगों के जूते और उसके चेहरे पर यरूशलेम के लोगों के थूक के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा।”

अल-हबश ने कहा कि इजरायल / यहूदियों के साथ सामान्यीकरण का मतलब पैगंबर मुहम्मद के दुश्मनों के साथ सामान्य संबंधों के लिए सहमत होना था।

सुप्रीम शरिया न्यायाधीश महमूद अल-हबश ने आगे कहा, “हम (यूएई) के देशद्रोह को स्वीकार नहीं करते। पवित्र फिलिस्तीन की मिट्टी और अल-अक्सा मस्जिद की मिट्टी से रेत का एक एक दाना हमारे खून और हमारे जीवन से अधिक कीमती है।”

इस बीच, फिलिस्तीन प्राधिकरण ग्रैंड मुफ्ती और फिलिस्तीनी सुप्रीम फतवा परिषद के अध्यक्ष मुहम्मद हुसैन ने एक फतवा जारी करते हुए कहा, “एक मुस्लिम के लिए बेन-गुरियन एयरपोर्ट स्थित अल-अस्का मस्जिद तक पहुँचने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के विमान में प्रवेश करना वर्जित है।”

गौरतलब है कि हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक आश्चर्यजनक घोषणा करते हुए कहा कि इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने वेस्ट बैंक में भूमि के अधिग्रहण को रोकने के लिए एक समझौते के हिस्से के रूप में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी।

इस बीच फिलिस्तीन स्थित आतंकवादियों ने गाजापट्टी से इजराइल पर 12 रॉकेट दागे। रात भर चले इस हमले के नौ रॉकेट को इजराइल ने विफल कर दिया और जवाबी कार्रवाई में हमास आतंकवादी संगठन के ठिकानों पर तीन हवाई हमले किए। इजराइल की सेना ने शुक्रवार ( अगस्त 21, 2020) तड़के यह जानकारी दी। 

वहीं इजराइली सेना की जवाबी कार्रवाई में एयर स्ट्राइक के दौरान आतंकवादी संगठन हमास के ठिकानों पर 3 हवाई हमले हुए। पिछले कुछ महीनों में गाजा सीमा के पास होने वाली यह सबसे बड़ी झड़प है, हालाँकि हमलों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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