मवाना में दारोगा नरेंद्र सिंह ने शहर काजी मौलाना नफीस, एडवोकेट असलम, नईम सौफी समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 188, 269, 270 व 14 विदेशी अधिनियम, महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि ये सभी लोग निजामुद्दीन इलाके के किसी मस्जिद में रुके हुए थे। ये सभी जमात के लिए आए हुए थे। इसमें से कई लोग तो सऊदी अरब आदि देशों की यात्रा से लौटे थे। अभी फिलहाल सभी की जाँच की जा रही है।
गाँव में पहले से ही एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद भी समुदाय के लोग मस्जिद में एकत्र होकर नमाज अदा करने सा बाज नहीं आ रहे। और तो और, मौलाना मस्जिद में बैठकर माइक से लोगों को नमाज के लिए इकट्ठा करने का ऐलान कर रहा था।
पुलिस को देखकर नमाज पढ़ रहे लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। कई लोग छत से लटक कर कूद गए। पुलिस ने दोनों भाइयों दीन और आस मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए दोनों भाइयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
रहमानिया मस्जिद से एक किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू। क्योंकि 12 मार्च को ओमान से आया कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति 24 मार्च तक इसी मस्जिद में नमाज पढ़ने आता रहा जबकि उसे खाँसी बुखार के लक्षण थे। यह खुद 200 से ज्यादा लोगों से मिला है। और इसके परिवार के 32 लोग हजारों लोगों से!
चीनियों के अलावा 4-4 मौलवी किर्गिस्तान और कजाकिस्तान से हैं। इन्होंने बताया है कि ये करीब एक महीने से भारत में हैं और कई मस्जिदों में पनाह ले चुके हैं। जहॉं से इन्हें पकड़ा गया उस मस्जिद में ये बीते पॉंच दिन से ठहरे थे।
इस मामले में आसबीबी मस्जिद के अध्यक्ष गुलाम अहमद खान, कोषाध्यक्ष मरगूब हसन अंसारी, सदस्य मो हबीब अंसारी एवं हजरत अली अंसारी सहित मस्जिद के अन्य पदाधिकारियों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ है।
तब्लीग समूह ने कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में मस्जिद जमीक श्री पेटालिंग में एक विशाल सभा आयोजित की गई थी, जिसमें हजारों लोग शामिल थे। इसकी वजह से घातक कोरोना वायरस का काफी प्रसार हुआ।