हाल में बिहार के गया से JMB का कुख्यात आतंकी एजाज़ अहमद गिरफ़्तार किया गया था। उसके पास से भारी मात्रा में जिहादी दस्तावेज़ मिले थे। वह अरसे से गया में वेश और नाम बदलकर रह रहा था। सूत्रों ने बताया की वह बड़े हमले की फ़िराक में था।
कुछ दिन पहले जाँच एजेंसी को शेख के इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र के कोहिनूर कालोनी में होने की खबर मिली। जब जाँच की गई तो पता चला आतंकी वहाँ रहकर मजदूरी करता है। जिसके बाद एजेंसी के अधिरापी भी सब्जी वाले की वेशभूषा में आकर उसकी धड़-पकड़ में जुट गए।
NIA का दावा है कि भट के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से बेहद करीबी संबंध थे और उसने अपने अखबार में लिखने के लिए कई जिहादी पत्रकारों को भी नौकरी पर रखा हुआ है। उनमें से कुछ पत्रकार अब कथित रुप से कश्मीर के प्रेस क्लब के कार्यकारी सदस्य हैं।
NIA के मुताबिक, उन्होंने मस्जिद का निर्माण, मज़हबी शिक्षा के लिए मदरसा और मजहब की गरीब लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसे इस्लामी काम की आड़ में अपनी साजिश में अंजाम देने की साजिश रची थी।
एनआईए ने शनिवार को हसन अली और हरीश मोहम्मद नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। दोनों ने पूरे नेटवर्क का खुलासा किया और बताया कि इस्लामिक शासन स्थापित करने के मकसद से वे आतंकी हमले को अंजाम देना चाहता था। इसके लिए पैसे की व्यवस्था की और अन्य तैयारी की।
शिकंजा कसने पर जेएमबी ने कुछ समय के लिए अपनी गतिविधियाँ बंद कर दी थी। लेकिन सलाउद्दीन अहमद और जहीदुल इस्लाम की अगुवाई में वह दोबारा पैर पसारने लगा है और अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने की फिराक में है। हाल ही में भारत सरकार ने जेएमबी को प्रतिबंधित किया है।
इस मामले में गढ़चिरौली पुलिस ने टॉप नक्सली कमांडर नर्मदक्का और उसके पति किरण कुमार को गिरफ़्तार किया था। उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट और उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने दिलीप हिदामी, परसाराम तुलवी, सोमनाथ मडावी, किसान हिडामी और सुक्रु गोटा को भी गिरफ़्तार किया।
पिछले महीने NIA ने 2017 के हमले के कथित साज़िशकर्ता के रूप में पुलवामा से फ़ैयाज़ अहमद मगरे को गिरफ़्तार किया था और उस पर हमले से पहले लेथपोरा में CRPF ग्रुप सेंटर की टोह लेने और आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया था।
मोहम्मद परवेज ने कथित तौर पर गोपनीय और रणनीतिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए नकली पहचान के माध्यम से भारतीय सेना के सैनिकों को फँसाया और पैसे लेकर उन्हें आईएसआई को भेज दिया।