आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस में तेज बहादुर को निर्देश दिए गए हैं कि वह बीएसएफ से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आएँ, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। निर्वाचन आयोग ने इस प्रमाण पत्र को जमा करने के लिए बुधवार (मई 1, 2019) को दोपहर 11 बजे तक का वक्त दिया है।
एक वक्त ऐसा भी था, जब भाजपा को अपनी 'माँ' बताने वाले सिद्धू का कई साल तक भारतीय जनता पार्टी के साथ 'बेटे' जैसा जुड़ाव रहा था। लेकिन, पार्टी बदलते ही उन्होंने 'माँ' को 'गाली' देनी शुरू कर दी है।
कॉन्ग्रेस पार्टी ने मधुबनी सीट पर वीआईपी के उम्मीदवार बद्री पूर्वे के खिलाफ अपनी पार्टी के बागी शकील अहमद को प्रत्याशी बनाया है। अब इसी का बदला लेने के लिए वीआईपी ने पटना साहिब से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी शत्रुघन सिन्हा के खिलाफ...
केसी त्यागी ने लालू यादव पर वाम दलों के साथ धोखा करने का आरोप भी मढ़ा। उन्होंने कहा कि वामदल हमेशा लालू के लिए खड़ा रहा लेकिन कन्हैया को टिकट न देकर लालू ने वाम दलों को धोखा दिया। त्यागी ने 'विचारधारा में अंतर' के बावजूद कन्हैया कुमार से सहानुभूति जताई।
कंगना ने साफ़-साफ़ कॉन्ग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक वो लोग सत्ता में थे तब तक देश में ग़रीबी, भूखमरी और प्रदूषण का माहौल तो था ही, साथ-साथ बलात्कार की घटनाएँ भी बढ़ गई थीं। कंगना ने लोगों से बड़ी संख्या में देश के लिए वोट करने की अपील की।
पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता के बेटे प्रतीक ने अपने पिता का फोटो शेयर कर अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई। प्रतीक ने ट्विटर के माध्यम से पूरे देश का सहयोग माँगा और कहा कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो उनके पूरे परिवार को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।
"पंडित नेहरू के बाद से किसी कॉन्ग्रेसी ने बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया है। पार्टी में लिखने-पढ़ने की, मतलब विचारों के आदान-प्रदान की परिपाटी ख़त्म हो गई है। आज भी सोच-विचार में मेरी पार्टी, भाकपा, माकपा, और यहाँ तक कि मार्क्सवादी-लेनिनवादी भाकपा (माले) से प्रेरणा लेती है।"
कुत्ते के शरीर पर भाजपा के प्रतीक चिन्ह और “मोदी लाओ, देश बचाओ” के नारे के स्टिकर चिपके हुए थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने नगर निगम से कुत्ते को हिरासत में लेने के लिए कहा, जिसके बाद निगम ने कुत्ते को हिरासत में ले लिया।
तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों ने उन मतदाताओं को परेशान किया, जिनकी ऊँगली से इत्र की महक नहीं आ रही थी। जिनकी ऊँगली से इत्र की महक आ रही थी, उन्हें यह समझकर छोड़ दिया गया कि उन्होंने तृणमूल को ही वोट दिया है।