Saturday, March 15, 2025
Homeविविध विषयमनोरंजनमुग़ल, ब्रिटिश और इटली का ग़ुलाम रहा है भारत, अब मिली असली आज़ादी: कंगना

मुग़ल, ब्रिटिश और इटली का ग़ुलाम रहा है भारत, अब मिली असली आज़ादी: कंगना

कंगना ने पिछली सरकारों पर देश को ग़रीब बनाए रखने का आरोप लगाते हुए 'भारत के लिए' मतदान करने का निवेदन किया।

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत देश से जुड़े मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए जानी जाती हैं। मणिकर्णिका फ़िल्म से धमाल मचाने वाली कंगना राजनीतिक मुद्दों पर भी काफ़ी मुखर रही हैं। इसके लिए न जाने कितने ही फ़िल्मी सितारों के निशाने पर आ चुकी कंगना ने बॉलीवुड में वंशवाद के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाकर अपनी ही इंडस्ट्री के लोगों को नाराज़ कर दिया था। अब कंगना रनौत ने ताज़ा बयान दिया है, जिसके कारण सोशल मीडिया पर लोगों ने अलग-अलग रिएक्शन दिए। कंगना ने कहा कि भारत न सिर्फ़ मुग़लों और अंग्रेजों बल्कि इटली का भी ग़ुलाम रहा है। उन्होंने पिछली सरकारों पर देश को ग़रीब बनाए रखने का आरोप लगाते हुए ‘भारत के लिए’ मतदान करने का निवेदन किया।

कंगना ने साफ़-साफ़ कॉन्ग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक वो लोग सत्ता में थे तब तक देश में ग़रीबी, भूखमरी और प्रदूषण का माहौल तो था ही, साथ-साथ बलात्कार की घटनाएँ भी बढ़ गई थीं। कंगना ने लोगों से बड़ी संख्या में देश के लिए वोट करने की अपील की। कंगना ने हाल ही में फ़िल्म इंडस्ट्री के लोगों पर राजनीतिक रूप से निष्क्रिय होने और सही चीज़ों के लिए आवाज़ न उठाने का आरोप लगाया था। कंगना इससे पहले भी कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर चुकी हैं और भरोसा जता चुकी हैं कि उनके नेतृत्व में देश के प्रशासन में सुधार आया है, देश विकास के रास्ते पर जा रहा है।

कंगना के ताज़ा बयान पर विवादित फ़िल्म समीक्षक और अभिनेता कमाल आर खान (KRK) बिफ़र गए और पूछा कंगना नशे में थी क्या? केआरके ने गिनाते हुए कहा कि मनमोहन, मोदी और वाजपेयी में से कोई भी इटली के नागरिक नहीं थे। बता दें कि कंगना का इशारा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी की तरफ था। अगर फ़िल्मों की बात करें तो कंगना रनौत की ‘मेन्टल है क्या’ इसी वर्ष रिलीज के लिए तैयार है और इसके बाद वो ‘पंगा’ में नज़र आने वाली हैं। इसके अलावा कंगना अपने करियर की सबसे बड़े फ़िल्मों में से एक में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के किरदार में दिखेंगी। कंगना ने कहा था कि वो जयललिता की और अपनी ज़िदगी के बीच कई समानताएँ देखती हैं। जयललिता की बायोपिक तमिल और हिंदी में बनेगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘हिम्मत कैसे हुई जय श्रीराम बोलने की’: डोल पूर्णिमा-होली मना रहे हिंदुओं पर मुस्लिम भीड़ ने किया हमला, BJP ने शेयर किया बंगाल के...

बीरभूम जिले के अनाईपुर गाँव में डोल पूर्णिमा और होली मना रहे हिंदुओं पर इस्लामी भीड़ ने हमला कर दिया।

अमेरिका गई पढ़ने, करने लगी ‘हमास आतंकियों’ का समर्थन: ट्रम्प सरकार ने वीजा छीना, अब खुद से डिपोर्ट हुई रंजनी श्रीनिवासन

उसके ऐसे कुछ निबन्ध सामने आए है जहाँ वह कथित ब्राम्हणवादी मानसिकता को कोस रही है। रंजनी श्रीवास्तव अमेरिका जाने से पहले भारत में अहमदबाद के भीतर CEPT विश्वविद्यालय में पढ़ती थी।
- विज्ञापन -