तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो चुकी है और स्मृति ईरानी को हर जगह से जीत की बधाइयाँ मिल रही हैं, और राहुल गाँधी खुद अपनी हार स्वीकार चुके हैं तो सोशल मीडिया यूजर्स सिद्धू से उनसे इस्तीफे की माँग कर रहे हैं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि स्मृति ईरानी ख़ुद हैंडपंप चलाकर आग बुझाने में ग्रामीणों की मदद कर रही हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों व महिलाओं से मिलकर उन्हें सांत्वना भी दी। अधिकारियों के समय से मौके पर न पहुँचने के कारण स्मृति नाराज़ दिखीं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने डिग्री विवाद पर कॉन्ग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कॉन्ग्रेस हमेशा ही उन्हें अपमानित करने का प्रयास करती रही है और महिला होने के कारण ऐसी कोई प्रताड़ना नहीं है, जो कॉन्ग्रेस ने उनके खिलाफ इस्तेमाल ना की हो।
अमेठी को डिजिटल बनाने और 'मेड इन अमेठी' का सपना साकार करने से लेकर यहाँ के लोगों को सुगम स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने तक, स्मृति ईरानी ने हार कर भी अमेठी के लिए वो किया, जो पिछले 70 वर्षों में जीते हुए जनप्रतिनिधि भी न कर सके।
माना जा रहा है कि स्मृति के अमेठी में जनसंपर्क और जनाधार बनाने और बढ़ाने के चलते ही राहुल गाँधी अमेठी के अलावा एक और ‘सुरक्षित’ सीट तलाशने को मजबूर हुए।
अमेठी में राहुल गाँधी के द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्य और स्मृति ईरानी के पिछले 4 वर्षों में किए गए कार्यों की तुलना कीजिए - सब स्पष्ट हो जाएगा। स्पष्ट यह भी हो जाएगा कि 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी पीछे चल रहे हैं जबकि स्मृति ईरानी लीड ले रही हैं।
रचनात्मकता की सभी हदें पार करते हुए राहुल गाँधी की इस पारिवारिक पार्टी के सदस्यों को उनसे ये रिक्वेस्ट करते हुए भी दिखाया गया है कि राहुल गाँधी को इस बार अमेठी नहीं, बल्कि केरल की किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।
स्मृति ईरानी ने कॉन्ग्रेस पर 'फैमिली पैकेज भ्रष्टाचार' करने का आरोप लगाया। स्मृति ईरानी ने कहा कि गाँधी परिवार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। एचएल पाहवा के यहाँ पर ED की रेड में राहुल गाँधी के नाम के दस्तावेज पाए गए।
राहुल को आयुध फैक्ट्री और राइफल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के बीच का अंतर नहीं पता। राहुल को यह भी नहीं पता कि शिलान्यास और उद्घाटन में क्या फ़र्क़ होता है। कैग ने यूपीए कार्यकाल के दौरान ही सरकार के ढुलमुल रवैये पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया था।