Saturday, April 19, 2025
Homeराजनीतिअमेठी: जब चुनाव प्रचार छोड़ ग्रामीणों के साथ फसल में लगी आग बुझाने पहुँची...

अमेठी: जब चुनाव प्रचार छोड़ ग्रामीणों के साथ फसल में लगी आग बुझाने पहुँची स्मृति ईरानी

सूचना देने के बावजूद एसडीएम मौके पर नहीं पहुँचे तो स्मृति ईरानी ने डीएम को फोन लगाया। एसडीएम के वीआईपी ड्यूटी में होने की सूचना मिलने पर नाराज़ स्मृति ने कहा कि वीआईपी जनता की मदद के लिए होते हैं और जनहित सर्वोपरि होनी चाहिए।

अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया हुआ है। 2014 में राहुल गाँधी से मिली हार के बावजूद स्मृति ईरानी क्षेत्र में सक्रिय रहीं और कई विकास कार्यों को पूरा कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ऐसे कई मौक़े आए जब स्मृति ईरानी ने अपने सहज व्यवहार से क्षेत्रवासियों का दिल जीत लिया। भाजपा और पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि यह स्मृति का प्रभाव ही था कि राहुल गाँधी 2 सीटों से चुनाव लड़ने को मज़बूर हो गए। राहुल गाँधी केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे कॉन्ग्रेस के लिए सुरक्षित सीट माना जा रहा है। कई कॉन्ग्रेस नेताओं का बयान भी आया है कि वहाँ अल्पसंख्यकों की अच्छी-ख़ासी संख्या होने के कारण राहुल जीतने में सफ़ल रहेंगे। राहुल गाँधी के नामांकन रैली में भी हरे झंडे देखे गए। कॉन्ग्रेस से इस सीट को जीतने के लिए मुस्लिम लीग से गठबंधन किया है।

इधर स्मृति ईरानी जब अमेठी में चुनाव प्रचार कर रही थीं तो उन्हें कुछ गाँवों में आग लगने की सूचना मिली। मुंशीगंज के पश्चिम दुआरा गाँव स्थित खेतों में आज रविवार (अप्रैल 28, 2019) को आग लग गई। इस आग से सैंकड़ों बीघा गेहूँ की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुँचा। इसकी सूचना मिलते ही स्मृति ईरानी तुरंत गाँव में पहुँची और ग्रामीणों के साथ आग बुझाने में मदद की। सूचना देने के बावजूद एसडीएम मौके पर नहीं पहुँचे तो स्मृति ईरानी ने डीएम को फोन लगाया। एसडीएम के वीआईपी ड्यूटी में होने की सूचना मिलने पर नाराज़ स्मृति ने कहा कि वीआईपी जनता की मदद के लिए होते हैं और जनहित सर्वोपरि होनी चाहिए।

स्मृति के गाँव में पहुँचने के बाद प्रशासनिक महकमों में हड़कंप मच गया और फायर ब्रिगेड की टीम भी थोड़ी देर बाद मौके पर पहुँची। स्मृति ईरानी ने स्वयं हैंडपंप चलाकर आग बुझाने के लिए बाल्टियों में पानी भरा और रो रही महिलाओं को पानी भी पिलाया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी उनका पूरा साथ दिया और आग बुझाने में मदद की। गाँव की महिलाएँ दुःख की इस घड़ी में स्मृति ईरानी को अपने बीच पाकर भावुक हो गईं और उनसे लिपटकर रोने लगी। स्मृति ईरानी ने महिलाओं को सांत्वना दी और उनकी समस्या को सरकार तक पहुँचाने की बात कही।

अमेठी में इस बार भी राहुल गाँधी और स्मृति ईरानी आमने-सामने हैं। गाँधी परिवार की परंपरागत सीट रही अमेठी को बचाने के लिए कॉन्ग्रेस ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाया हुआ है। स्मृति ईरानी ने आग से पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात की और अमेठी की बदतर स्थिति के लिए वहाँ के सांसद राहुल गाँधी पर निशाना साधा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अभी 10 साल कुर्सी पर रहेंगे PM मोदी, अगला चुनाव भी जीतेंगे, 90+ साल जिएँगे: जिन्होंने सबसे पहले देखी दिल्ली में केजरीवाल की हार,...

डॉ. विनय का कहना है कि योगी आदित्यनाथ PM की कुर्सी तक पहुँच सकते हैं, अमित शाह ऊँचाई तक तो जाएंगे लेकिन कुछ परेशानियाँ लगातार बनी रहेंगी।

चू%या, संस्कार के सरगना, आलसी, शास्त्रों के पीछे छिपने वाले… ब्राह्मणों पर पेशाब करने का ऐलान करने वाले अनुराग कश्यप बोले – नहीं वापस...

"अगर मुझसे माफ़ी चाहिए तो ले लो। लेकिन, महिलाओं को बख़्श दो ब्राह्मण लोगों। इतना संस्कार तो शास्त्रों में भी है, सिर्फ़ मनुवाद में नहीं है।"
- विज्ञापन -