'कार्तिकेय 2' ने ये सुनिश्चित कर दिया है कि इस फ्रैंचाइजी जी अगली फिल्म पैन-इंडिया होगी। निखिल सिद्धार्थ का अभिनय उम्दा और उनकी स्क्रीन प्रेजेंस दमदार है।
ललितादित्य कौन थे? मीर शम्सुद्दीन ऐराकी कौन था? नादिमार्ग में कैसे 25 कश्मीरी पंडितों को गोली मारी गई? 'द कश्मीर फाइल्स' देख कर आप पता लगाएँगे। भारत के 6 राज्यों में हिन्दू अब भी अल्पसंख्यक हैं, उनके अधिकारों का क्या?
"यार तुझे पता है जब पीरियड्स होते हैं तब उसे कितना दर्द होता है। गर्म पानी का बैग रखना होता है उसकी थाई पर वगैरह वगैरह, समझ रहा है तू मेरी बात?" बॉलीवुड में संभवतः पहली मेनस्ट्रीम फिल्म, जिसके सीन में प्रेमिका के पीरियड्स की तकलीफ और दर्द पर बात की गई लेकिन फिल्म हो गई स्त्री-विरोधी! वाह!!
वैसे तो फ़िल्म 12 अप्रैल को रिलीज होने वाली है लेकिन ऑपइंडिया आपके लिए लेकर आया है 'द ताशकंद फाइल्स' का रिव्यु। एक्टिंग, निर्देशन और स्क्रिप्ट से लेकर फिल्म के थीम की गहन एवं विस्तृत समीक्षा। और हाँ, मिथुन चक्रवर्ती का वो डायलॉग...
ट्रेलर में एक तंज भी है, जब कन्हैया नोट को ध्यान से अपने दोस्तों को दिखाते हुए कहता है, "माँगने से कुछ नहीं होता, करने से होता है और वह सिर्फ़ एक ही आदमी कर सकता है- गाँधी जी।"
फ़िल्म के राहुल गाँधी असली राहुल गाँधी की तरह डॉक्टर सिंह की प्लेट में केक का टुकड़ा नहीं पटकते, वह उनसे काफ़ी विनम्र तरीक़े से पेश आते हैं। राहुल की प्रेमिका उन्हें सबका 'प्यारा रागा' बताती है।
राजनैतिक अंधविरोध में पागल हो चुके समीक्षकों को आजकल सबकुछ उलटा ही नज़र आता है, जिसके परिणामस्वरूप हो सकता है कि उन्हें अंग्रेज़ों की पितृसत्तात्मकता 'कूल' लगी हो और रानी का विधवा आडंबरों को धता बताना रास न आया हो।