जब जूनागढ़ के जंगलों में एटीएस की महिलाओं व इस अपराधी का आमना-सामना हुआ, तो वह थोड़ी देर भी टिक नहीं सका। अपनी जान बचाने के लिए उसने तुरंत ही घुटने टेक दिए। इसके बाद महिला अधिकारियों ने उसे गिरफ़्तार कर लिया।
ज़मानत मिलने के बाद उक्त युवक और उग्र हो गया और उसने रिटायर्ड स्टेशन मास्टर के घर पहुँच कर उनसे मारपीट की। विरोध करने पर उसने फायरिंग भी की। सूचना पर पुलिस फिर पहुँची लेकिन आरोपित तब तक फरार हो गया था।
4 मई को बच्ची का जन्मदिन था और उसके लिए ज़ोर-शोर से तैयारियाँ चल रही थीं। केक और कपड़ों तक के ऑर्डर दे दिए गए थे। बलात्कारी ने बताया कि उसने बदनामी के डर से लड़की को मार दिया। उसने शव को छिपाने के लिए उसके ऊपर 2 भारी और बड़े पत्थर भी रख दिए।
40 साल का समीर (बदला हुआ नाम)। 23 साल का ग़ुलाम मुस्तफ़ा। दोनों अच्छे दोस्त। एक-दूसरे के घर आना-जाना, खाना-पीना। समीर की 11 साल की बेटी। उस पर ग़ुलाम की न सिर्फ बुरी नज़र बल्कि गंदे तरीके से छूकर छेड़छाड़ भी करना। बात खुलने पर शर्मिंदा होने के बजाय दोस्त को ही...
दोनों बहनों ने साईं और आसाराम के खिलाफ कथित शोषण की अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ दुष्कर्म, यौन शोषण और अवैध तरीके से बंधक बनाकर रखना और अन्य अपराध के तहत मामला दर्ज किया था।
अफगानिस्तान के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में बतौर आंतरिक लेखा निदेशक काम करने वाले आरोपी मोहम्मद उमर एरियन और वकील मोहम्मद अजीम होदमन को कैलंगुट पुलिस स्टेशन के अधिकारियों द्वारा की गई छापेमारी में गिरफ्तार किया गया। इस छापेमारी के दौरान उज्बेकिस्तान की दो युवतियों को छुड़ाया भी गया।
पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता के बेटे प्रतीक ने अपने पिता का फोटो शेयर कर अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई। प्रतीक ने ट्विटर के माध्यम से पूरे देश का सहयोग माँगा और कहा कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो उनके पूरे परिवार को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।
FIR दर्ज होने के बाद नारायण भूमिगत हो गया था और पुलिस से बचने के लिए बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। दिसंबर, 2013 में नारायण को हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया था।
अपूर्वा शुक्ला कॉन्ग्रेस पार्टी में करियर बनाना चाहती थी। वह रोहित की राजनीतिक पृष्ठभूमि को सीधी बनाकर विधानसभा का टिकट चाहती थी लेकिन रोहित ख़ुद स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में संघर्ष कर रहे थे। अपूर्वा पहले भी कॉन्ग्रेस पार्टी में पद हैं।
ख़ौफ़ ऐसा कि एक-एक कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के 10 जजों ने उसका केस सुनने से इनकार कर दिया। यूपी का कोई भी जेल उसे रखना नहीं चाहता। वह व्यापारियों को उठवा कर जेल में ही पिटाई करता है। 5 बार विधायक और 1 बार सांसद रहा है खूँखार अतीक अहमद।