दिल्ली के सदर इलाके से आम आदमी पार्टी के विधायक सोमदत्त को दिल्ली की रोज़ एवेन्यू की विशेष एमपी/ एमएलए अदालत ने 2015 के एक मामले में 6 महीने की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर ₹2 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
झारखंड मामले में तबरेज़ की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद के ऐलान के बाद तो आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्य कपिल मिश्रा ने भी अंकित और ध्रुव त्यागी के परिवार आवाज़ बुलंद की और मीडिया की सुर्खियों में भी अंकित और ध्रुव त्यागी को लेकर सवाल पूछे जाने लगे।
अंकित के पिता यशपाल सक्सेना ने हाल ही में वादा न पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार के प्रति अपनी गहरी नाराज़गी जताई थी। उन्होंने बताया था कि किस तरह दिल्ली सरकार ने उन्हें किसी प्रकार का मुआवजा न देकर नाउम्मीद किया।
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने 11 जून को मनोज कुमार को आईपीसी की धारा 186 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 131 के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने पुलिसवालों की गवाहियों को विश्वसनीय मानते हुए ये फैसला सुनाया था और बहस के लिए 25 जून की तारीख मुकर्रर की गई थी।
यदि AAP के बागी विधायक कपिल मिश्रा की मानें तो अरविन्द केजरीवाल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को मीटिंग के बहाने बुलाकर आगामी विधानसभा चुनाव में AAP को ही वोट दिलवाने की कसम खिलाने वाले थे। लेकिन अब केजरीवाल ने यह प्लान रद्द कर दिया है।
दिल्ली मेट्रो के पहले प्रबंध निदेशक और ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन ने मेट्रो में महिलाओं को मुफ़्त यात्रा की सुविधा देने की आम आदमी पार्टी सरकार की पहल को मेट्रो के लिए नुकसानदायक बताया था। उन्होंने सुझाव दिया कि छूट की राशि सीधे महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की जाए।
केजरीवाल इससे पहले भी कई हवाई योजनाओं की चर्चा कर चुके हैं। जिन पर अभी तक ग्राउंड वर्क की प्रोग्रेस शून्य है। बाद में किसी न किसी वजह से वह योजना फाइलों में फँस जाती है। ऐसे समय में कई विशेषज्ञों का कहना है कि केजरीवाल सरकार जानबूझकर ऐसे काम करती है कि फाइल नियम विरुद्ध हो या इसके लिए आवश्यक तैयारी के अभाव के कारण फाइल उप राज्यपाल के यहाँ फँस जाए, जिससे AAP की पूरी मशीनरी को एक बार फिर से 'कि हम तो दिल्ली की महिलाओं को मुफ्त योजना देना चाहते थे लेकिन मोदी फाइल ही आगे नहीं बढ़ने दे रहें' पर आकर रुक जाती है।
टाटा पॉवर-DDL ने जोर देते हुए कहा है कि वो 68 लाख रुपए हर महीने इन स्ट्रीटलाइट्स के रख-रखाव में ही खर्च करते हैं, लेकिन दिल्ली स्थित आम आदमी सरकार की एजेंसियों ने अभी तक उनके रुपयों का भुगतान नहीं किया है।
संजय सिंह ने ट्वीट किया कि एक पत्रकार मित्र ने उन्हें सूचित किया है कि एम्स में डॉक्टर नकली पट्टियों के साथ विरोध कर रहे हैं, और कहा कि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से दूर रहना चाहिए क्योंकि इस तरह की फ़ोटो से यह भ्रम फैलने का डर है कि पूरे देश में डॉक्टर्स को पीटा जा रहा है।
श्रीधरन को लिखी चिट्ठी में सिसोदिया ने उन्हें मनाने की भी कोशिश की है और लिखा, “हमारा मक़सद दिल्ली मेट्रो की कार्यप्रणाली में दखल देना नहीं है बल्कि हमने दिल्ली मेट्रो के सभी प्रोजेक्ट के साथ-साथ उसे बढ़ाने में तत्परता दिखाई है जिसे वर्षों तक लटका कर रखा गया।”