“हमारे परिवार के सदस्यों को मार दिया गया है, बेटियों का धार्मिक रुपांतरण करा दिया और संपत्तियाँ छीन ली गई है। वहाँ पर जिंदगी मौत से भी बदतर है। हमें भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून के तहत कुछ उम्मीद है।”
24 फरवरी की रात को जब दिलबर नेगी दुकान की बेकरी के गोदाम में सो रहा था, उसी समय दंगाइयों ने गोदाम में आग लगा दी। दंगाइयों ने दिलबर के हाथ-पैर काटे और अधमरी अवस्था में ही उसे आग के हवाले कर दिया। दिलबर के साथी श्याम का कहना था कि दंगाइयों ने उस पर भी हमला किया, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गया।
दिग्गज क्रिकेटर रहे जॉन्टी रोड्स ने ऋषिकेश में गंगा में डुबकी लगाई। ट्विटर पर इस पल को साझा करते हुए लिखा कि पवित्र माँ गंगा में डुबकी लगाने से न सिर्फ़ भौतिक बल्कि दैविक रूप से भी मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जब दुकान मालिक अनिल पाल पुलिस के साथ अपनी दुकान का हाल जानने वहाँ पहुँचे तो उन्हें मृतक नेगी का शरीर दूसरी मंजिल पर सीढ़ी के पास मिला, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो दंगाइयों को देखकर बिल्डिंग से कूदने की कोशिश कर रहे थे।
23 फ़रवरी की शाम दंगाई शाहदरा में घुसे। दिलबर सिंह नेगी को निशाना बनाया। हाथ, पैर काट दिए। फिर पास की दुकान में लगी आग में झोंक दिया। इसके बाद वहॉं भगदड़ मच गई। नेगी के परिजन इतने दहशत में हैं कि अब भी मौके पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।
क्या दिल्ली में मुफ्त की बिजली पाने वाले उस दर्द को महसूस कर सकते हैं, जो अपने खेत-खलिहान को आँखों के सामने डूबते देखने में होता है? वह दर्द जो अपने बाप-दादाओं के पुश्तैनी घर और अपने आम के बगीचों को डूबते देखने में होता है?
उस समय विजय बहुगुणा के नेतृत्व में राज्य में कॉन्ग्रेस की सरकार चल रही थी। उसी सरकार ने निर्णय लिया था कि एससी-एसटी को आरक्षण दिए बिना राज्य में सारे सार्वजनिक पदों को भरा जाएगा। आज जब सदन में सच्चाई बताई गई तो कॉन्ग्रेस सांसद वॉकआउट कर गए। राहुल गाँधी मोहन भागवत को दोष दे रहे।
शादी के बाद से ही ससुराल वाले शाइस्ता पर दहेज लाने का दबाव बना रहे थे। वो एक लाख रुपये और बाइक की डिमांड कर रहे थे। शाइस्ता ने विरोध किया तो 3 दिन पहले ससुराल वालों ने मिलकर शाइस्ता पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और उन्हें जिंदा जला दिया।
"नेता प्रतिपक्ष हम जैसे विधायकों की बदौलत इस पद पर हैं। हम उनके रहमोकरम पर नहीं हैं। 11 में से सात-आठ विधायक उन्हें पद से हटाने के लिए हाईकमान से बात करेंगे।"
धोखाधड़ी के इस मामले की सबसे पहली रिपोर्टिंग ऑपइंडिया ने अक्टूबर 2018 में की थी। सचिन उपाध्याय को उनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों की जाँच कर रहे एक विशेष जाँच दल की रिपोर्ट के आधार उनके घर के बाहर से गिरफ्तार किया गया।