कमलेश तिवारी की हत्या से लेकर अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन की गिरफ़्तारी तक, अब तक क्या-क्या हुआ? इस पूरे घटनाक्रम में कौन-कौन से किरदार हैं और किन-किन जगहों पर किसकी गिरफ़्तारी हुई.......
गुजरात एटीएस के उप महानिदेशक हिमांशु शुक्ल ने मीडिया को बताया कि पैसे खत्म हो गए तो रिश्तेदारों को फ़ोन कर पैसे के लिए सम्पर्क किया, लेकिन पुलिस के डर से किसी ने उनके खाते में पैसे नहीं डाले।
कमलेश की हत्या के बाद हत्यारों ने सूरत में अपने साथियों को फोन कर जानकारी दी। फिर इस खबर से आसिम को अवगत कराया गया। आसिम ने हत्यारों की जमानत कराने का ठेका लिया था।
गोली मारने के बाद हत्यारों ने धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किए। गला रेतने के कारण ही कमलेश की मौत हुई। उनका गला 2 जगह से रेता गया। चेहरे के बाईं तरह बुलेट इंजरी मिली है।
गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ल ने बताया कि दोनों हत्यारोपितों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। ये वही दोनों हैं, जिन्होंने भगवा वस्त्रों में कमलेश तिवारी के ख़ुर्शीदबाग स्थित घर में घुस कर उनकी हत्या कर दी थी।
मोईनुद्दीन और अशफाक दोनों ही सूरत के रहने वाले थे और अपने साथ लाया हुआ पैसा खत्म हो जाने के बाद परिवार और दोस्तों से आर्थिक सहायता लेने की कोशिश कर रहे थे। गुजरात पुलिस के एटीएस ने गुजरात-राजस्थान बॉर्डर पर गिरफ्तार कर लिया और लखनऊ पुलिस ने दोनों को सीजेएम की अदालत में पेश किया।
आपसी दुश्मनी में लोग कई बार क्रूरता की हदें पार कर देते हैं। लेकिन ये दुश्मनी आपसी नहीं थी। ये दुश्मनी तो एक हिंसक विचारधारा और मजहबी उन्माद से सनी हुई उस सोच से उत्पन्न हुई, जहाँ कोई फतवा जारी कर देता है, और लाख लोग किसी की हत्या करने के लिए, बेखौफ तैयार हो जाते हैं।
हिंदू महासभा ने उनको मरणोपरांत 'हिन्दूरत्न' सम्मान से नवाज़े जाने की घोषणा की है। इसके अलावा हिन्दू महासभा के लखनऊ ऑफ़िस के सामने तिवारी का प्रतिमा लगाई जाएगी।
यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जल्द ही हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा और साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सरकार हत्यारों के लिए मृत्युदंड की भी माँग करेगी।
कमलेश तिवारी की हत्या के बाद महंत सरस्वती ने उनके परिजनों से मुलाक़ात की थी। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाषण दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।