निरुपम और तंवर दोनों टिकट बॅंटवारे में उपेक्षा से नाराज हैं। तंवर राहुल के काफी करीबी माने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चेतावनियों के बावजूद राहुल ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से नहीं हटाया था। सोनिया के कमान सॅंभालने के बाद तंवर की अनदेखी कर हुड्डा को आगे किया गया।
टिकट बॅंटवारे के बाद हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और मुंबई के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई है। निरुपम ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। एक के बाद एक दो ट्वीट कर उन्होंने कहा कि शायद पार्टी को अब उनकी जरूरत नहीं रही।
कुरैशी ने पार्टी नेतृत्व को पिछले चुनावों की याद भी दिलाई। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुस्लिम ही कॉन्ग्रेस का साथ देते हैं। लेकिन नेतृत्व यह भूल गया है। आज वह भाजपा के हिंदुत्व विचाराधारा के समर्थकों को खुश करने में जुटी है।
अदिति सिंह रायबरेली के बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की बेटी हैं। विशेष सत्र में भाग लेने के बाद उन्होंने कहा, "मुझे जो सही लगा, मैंने आज वही कहा। लोगों ने विकास के लिए मुझे वोट दिया। पार्टी मेरे बारे में जो फ़ैसला लेगी, मुझे मंज़ूर है, लेकिन मुझे लगता है कि मैंने जो किया, सही किया।"
कॉन्ग्रेस नेताओं को डर है सिद्धू के आने से भाजपा को बैठे-बिठाए राष्ट्रवाद का मुद्दा मिल जाएगा, क्योंकि इस ‘पिच’ पर सिद्धू का ‘फॉर्म’ हालिया समय में अच्छा नहीं रहा है। वे न केवल तालिबान-समर्थक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अपनी क्रिकेट के दिनों की दोस्ती को खुल कर ‘फ्रंट-फुट’ पर खेलते हैं, बल्कि वे पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल बाजवा से गले भी मिल आए थे।
रावत के वकीलों ने अदालत को बताया कि इस मामले की जॉंच का अधिकार सीबीआई को नहीं है। राज्य सरकार ने राष्ट्रपति शासन के दौरान जारी नोटिफिकेशन वापस लेकर SIT से जॉंच कराने का फैसला किया था।
लुईस के वकील का कहना है कि मुरादाबाद में उपकरण बांटने के गवाह ज़िला विकलांग अधिकारी भी हैं। उनके अनुसार FIR में लुईस खुर्शीद का नाम भी बाद में जोड़ा गया। याचिका रद्द होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की बात कही है।
लता मंगेशकर ने जब 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाना शुरू किया, तब नेहरू की आँखों में आँसू आ गए। नेहरू ने कहा कि जो इस गाने से प्रभावित और प्रेरित नहीं हो, उसे हिंदुस्तानी कहलाने का कोई हक़ नहीं है। आज लता मंगेशकर का जन्मदिन है। वह 90 वर्ष की हो गईं।
श्वेता की सहेली बरखा सोनी सेक्स रैकेट के रुपए को सुरक्षित रखने के लिए एनजीओ चलाती थी। बरखा नई दिल्ली में कॉन्ग्रेस मुख्यालय के बार-बार चक्कर लगाती थी। इसके सबूत उसके फेसबुक वॉल पर भरे हैं। कॉन्ग्रेस पार्टी के कई प्रमुख चेहरों के साथ उसकी तस्वीरें हैं।
"आगामी विधानसभा चुनावों में राहुल गाँधी टिकट वितरण की प्रक्रिया में शामिल नहीं होना चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि इस संदर्भ में राज्य के नेताओं के परामर्श से पार्टी ही बेहतर निर्णय ले सकती है।"