सारे एग्जिट पोल्स में अपनी सरकार बनने की भविष्यवाणियों के बाद भी केजरीवाल एंड पार्टी शायद जमीनी हकीकत से वाकिफ है और इसीलिए प्रतिकूल चुनाव परिणामों के लिए ईवीएम को दोषी ठहराने के बाद अब चुनाव आयोग को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
बीजेपी ने अपनी शिकायत में कहा है कि AAP समर्थकों ने भ्रामक रीक्रिएशन के जरिए भाजपा की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। इस स्पूफ में अमित शाह को फिल्म के खलनायक गब्बर के रूप में दिखाया गया है तो वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, विजय गोयल और सांसद गौतम गंभीर को डाकुओं के रूप में चित्रित किया गया है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कुछ दिन पहले ये बात सार्वजनिक की थी कि उनके पास मोहल्ला क्लिनिक को लेकर शिकायतें आ रही हैं। जिनमें दावा किया जा रहा है कि मोहल्ला क्लिनिक में काम करने वाले डॉक्टर केवल 4 घंटों में 533 मरीजों को देखते हैं। यानी गणित के मुताबिक जोड़ा जाए तो एक मरीज को केवल 36 सेकेंड दिए जाते हैं।
सोशल मीडिया में अटकलों का बाजार फिर गरम हो गया है। सूजे गाल के साथ एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में केजरीवाल पहुॅंचे। उन्होंने इसकी वजह इंफेक्शन बताया। लेकिन, यूजर्स इसे अमानतुल्लाह से जोड़ रहे हैं।
“पाकिस्तान में बहुत प्रताड़ना झेली। मजहब बदलने का दबाव था। कोई रोजगार नहीं था। फिर दिल्ली आ गए। मदद माँगने कई बार केजरीवाल के पास गए। लेकिन, कुछ हासिल नहीं हुआ। आम लोग कभी कपड़े तो कभी राशन दे जाते हैं।”
दिल्ली की पटियालाा हाउस कोर्ट ने मुकेश समेत चार दोषियों को फाँसी देने के लिए 22 जनवरी का डेथ वॉरंट जारी किया था। हालाँकि, मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लंबित होने के कारण बृहस्पतिवार को कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फाँसी नहीं दी जा सकती है।
केजरीवाल सत्ता में आए थे 500 नए स्कूल खोलने का वादा कर। लेकिन, न स्कूल खुले। न नामांकन बढ़ा। न परिणाम सुधरे और न शिक्षक बहाल हुए। गिने-चुने स्कूलों में करोड़ों लुटाकर उसका ढोल पीट सरकार ने पॉंच साल गुजार लिए।
दिल्ली में जिस शिक्षा क्रांति के केजरीवाल सरकार दावे कर रही, वह खूबसूरत तस्वीरों की आड़ में कई ऐसे तथ्य छुपाए हुए है जो मुख्यधारा की चर्चा से गायब हैं या लोग इससे अनजान हैं। सच्चाई यह है कि गुणवत्तापूर्ण सरकारी शिक्षा आज भी स्वप्न ही है।
"मनीष सिसोदिया ने मुझे अपने घर पर बुलाया और बताया कि राम सिंह 20-21 करोड़ रुपए देकर मेरी विधानसभा सीट से टिकट माँग रहा है। उन्होंने मुझसे 10 करोड़ रुपए माँगे, लेकिन मैं वहाँ से मना करके चला आया।"
15 विधायकों को बेटिकट कर पार्टी ने 5 ऐसे चेहरों पर दॉंव लगाया है जो उम्मीदवारों की सूची जारी होने से 24 घंटे पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। सूची जारी होने के बाद आप में बगावत भी तेज हो गई है।