'कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिनसे देश में हालात विस्फोटक हो सकते है, यह मुद्दा भी ऐसा ही है। हम कोई हिंसा नहीं चाहते, मंदिर में पुलिस की तैनाती बहुत अच्छी बात नहीं है। यह बेहद भावनात्मक मुद्दा है। हजार साल से वहाँ परम्परा जारी है।''
नागरिकता (संशोधन) विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह कानून बन गया है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
"इंसान को आस्था की ज़रूरत ही नहीं है। इंसान की आस्था की 'इंसान' है, इंसान की जाति 'इंसान' है... पहली बार आस्था को नागरिक होने के पैमाने के तौर पर माना जाएगा।"
एलन सुहैब और थाहा फ़ज़ल पर आरोप था कि वे पलक्क्ड़ में अक्टूबर माह में मारे गए संदिग्ध माओवादियों के एनकाउंटर के विरोध के नाम पर माओवादी पर्चे बाँट रहे थे।
उन्होंने भारत को सभी धर्मों का देश बताते हुए कहा कि कोई भी धर्म ऐसा नहीं है, जो घृणा, हिंसा और क्रोध को बढ़ावा देता हो। राहुल ने आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठे लोग इस देश को धर्म और संप्रदाय के आधार पर बाँटना चाह रहे हैं। राहुल ने कहा कि जीडीपी की विकास दर मात्र 2% है और बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर है।
शायद राहुल गाँधी को यह नहीं पता कि विदेशों में भी रेप होते हैं और बहुत ही विभत्स होते हैं। लेकिन नहीं! इन्हें तो सिर्फ राजनीति करनी है। मुद्दा फिर चाहे रेप जैसा गंभीर ही क्यों न हो, ये करेंगे राजनीति ही! तभी तो विदेशी मीडिया की बातों को...
सिस्टर लिसी ने कहा, “मैं बयान दे रही हूँ क्योंकि मैं सच्चाई जानती हूँ। शिकायतकर्ता नन के साथ 2011 से मेरा व्यक्तिगत संबंध है। नन को न्याय मिलना चाहिए, मैं उसके साथ हूँ। मैं प्रार्थना करती हूँ कि उसे न्याय मिले।”
पूरे थाने को ही पता नहीं था कि जिस व्यक्ति की इसी थाने में हत्या के प्रयास में तलाश है, वह सामने ही खड़ा है। जब मीडिया ने पूछा था तो इसी पुलिस ने कहा था कि वह हमलावरों की तलाश में हैं।
13 दिसंबर 2018 को इन मछुआरों ने तिरुवनंतपुरम का तट छोड़ा था। यमन के एक एंप्लॉयर ने नौकरी का झाँसा देकर उन्हें क़ैद कर लिया। उन्हें नाव में कैद कर रखा गया था।