Thursday, April 25, 2024
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राहुल गाँधी ने युवाओं को सिखाए नशे से बचने के गुर, मानसिक रोगों के इलाज के सेंटर का किया उद्घाटन

राहुल गाँधी ने कहा कि देश में 'डर का माहौल' है। पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार हो रहा है और रोज़ अख़बारों में लोगों के पिटे जाने की ख़बरें आ रही हैं।

पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी शनिवार (दिसंबर 7, 2019) को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुँचे। यहाँ उन्होंने सुल्तान बाथरी में नए ‘मानसिक रोग व व्यसन-निरोधी केंद्र’ का उद्घाटन किया। इस अवसर को राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए भी इस्तेमाल किया। एजम्पशन हॉस्पिटल में ‘साइकेट्री एन्ड डी-एडिक्शन डिपार्टमेंट ब्लॉक’ का उद्घाटन करने पहुँचे राहुल गाँधी ने कहा कि वो मानसिक रोगियों के लिए इस फैसिलिटी का उद्घाटन करते हुए काफ़ी ख़ुश हैं। उन्होंने उक्त हॉस्पिटल के कार्यों की सराहना करते हुए उससे जुड़े लोगों को बधाई दी।

राहुल गाँधी ने बताया कि ये व्यसन-निरोधी सेंटर है और यहाँ मानसिक रोगों का इलाज किया जाता है। राहुल गाँधी ने इस दौरान व्यसन अथवा एडिक्शन से जुड़ी बीमारियों से निपटने के गुर भी बताए। उन्होंने कहा कि युवाओं को तरह-तरह के खेल खेलने चाहिए, ताकि एडिक्शन की बीमारी दूर हो। उन्होंने कहा कि तरह-तरह के खेलों में संलिप्त रहने वाले युवा शराब इत्यादि के व्यसन में नहीं पड़ते क्योंकि उनके पास इन सबके लिए समय ही नहीं होता। वहाँ उपस्थित लोगों ने राहुल गाँधी के इस सुझाव का तालियाँ पीट कर स्वागत किया।

राहुल गाँधी ने माना कि वायनाड में मेडिकल सुविधाओं की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि यहाँ एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने की वर्षों से माँग चल रही है। वायनाड में साँप काटने के बाद एक छात्रा की मौत हो गई थी क्योंकि उसे समय पर मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं मिला। राहुल ने इस घटना पर दुःख जताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के मामलों में हमें आक्रामक रूप से आगे बढ़ने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए ज़मीन की दिक्कत आ रही है, जिसे हल करने की वो कोशिश कर रहे हैं।

राहुल ने वायनाड में रेलवे के विस्तार को लेकर बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को संसद में उठाया है। उन्होंने भारत को सभी धर्मों का देश बताते हुए कहा कि कोई भी धर्म ऐसा नहीं है, जो घृणा, हिंसा और क्रोध को बढ़ावा देता हो। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठे लोग इस देश को धर्म और संप्रदाय के आधार पर बाँटना चाह रहे हैं। अपने पिता राजीव गाँधी और दादी इंदिरा गाँधी की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वो पूरी ज़िंदगी हिंसा से पीड़ित रहे हैं, इसीलिए व्यक्तिगत तौर पर उनका मानना है कि हिंसा से समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हिंसा को आधार बना कर देश नहीं चलाया जा सकता। राहुल गाँधी ने कहा कि देश में ‘डर का माहौल’ है। पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार हो रहा है और रोज़ अख़बारों में लोगों के पिटे जाने की ख़बरें आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कभी 9% की दर से विश्व की सबसे ज्यादा तेज़ी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर आज मात्र 4% रह गई है। उन्होंने दावा किया कि जीडीपी की ये विकास दर भी कैलकुलेशन के नए मेथड के अनुसार है जबकि पुरानी प्रक्रिया के अनुसार देखा जाए तो यह मात्र 2% ही रह जाता है।

राहुल गाँधी ने इसे त्रासदी करार दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को आज की परिस्थिति में नौकरियाँ नहीं मिल रही। बकौल राहुल, देश आज विभाजित हो गया है और इसीलिए पिछले 45 सालों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि देश आज एक साथ काम नहीं कर रहा है। राहुल ने कहा कि केरल इस बात का उदाहरण है कि विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ ख़ुशी से रह सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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