हैरानी की बात देखिए, दिल्ली की सबसे हालिया समस्या प्रदूषण पर कोई राजनैतिक पार्टी बात नहीं करती। क्योंकि अब राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता हथियाने का पैमाना केवल 'फ्री-फ्री' की राजनीति पर आ टिका है।
फरारी के दौरान भी उसने अपने फेसबुक पेज पर अपना फोटो पोस्ट किया था। उससे पहले उसने न सिर्फ़ एक पत्रकार की पिटाई की थी बल्कि कई अन्य मीडियाकर्मियों के साथ भी बदतमीजी की थी। उसने कई अख़बारों के पत्रकारों व फोटोग्राफरों की पिटाई की थी।
NPR की शुरुआत मनमोहन सरकार के दौरान हुई। इसमें शामिल होना भारत में रह रहे लोगों के लिए अनिवार्य किया गया। साथ ही इसे NRIC की दिशा में पहला क़दम बताया गया। अमित शाह ने साफ किया है कि दोनों का कोई लेना-देना नहीं है।
आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि इसके जरिए मोदी सरकार ने महात्मा गॉंधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा किए गए वादे को पूरा किया है।
हेमंत सोरेन को महज 3492 वोट मिले हैं, वहीं लुइस मरांडी 9821 वोटों के साथ उनसे काफ़ी आगे दिख रही हैं। दुमका में सोरेन परिवार की प्रतिष्ठा दाँव पर है, क्योंकि ये 'गुरुजी का गढ़' रहा है। शिबू सोरेन यहाँ से 8 बार सांसद रह चुके हैं।
"मोदी-शाह कहते हैं कि उन पर विश्वास करो। अमित शाह हिंदुस्तान के मुस्लिमों को कहते हैं कि उन पर विश्वास करो। यदि गोधरा कांड, सोहराबुद्दीन कांड, असम की एनआरसी सूची और उनके मुसलमानों के खिलाफ बयान देखें तो क्या वे बयान और मोदी शाह के कदम मुसलमानों में विश्वास पैदा करते हैं?"
गिनती के लोगों के साथ धरने पर बैठी प्रियंका की हालत देख महिला कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव से रहा नहीं गया। उन्होंने आनन-फानन में किसी को फोन लगाया और फटकारने वाले अंदाज़ में पूछा- "हमारे लीडर्स कहाँ हैं? आओ भेजिए, वेणुगोपाल वगैरह को भेजिए। आप समझ गए न?"
कॉन्ग्रेस के लोग जिस तरह से व्हाट्सप्प ग्रुप बना कर कॉलेज कैम्पस में उपद्रव की साज़िश रच रहे हैं, उसका पर्दाफाश होना ज़रूरी है। इन ग्रुप्स में कॉन्ग्रेस से जुड़ाव छिपा कर उपद्रव को न्यूट्रल प्रोटेस्ट साबित करने की कोशिश की जाती है। जानिए उस ग्रुप के एडमिन्स और मैसेजों के बारे में।
"शनिवार को ही राहुल गाँधी की रीलॉन्चिंग के लिए रैली हुई थी और अगले ही दिन हिंसा भड़क गई। उनके मुताबिक विपक्ष नागरिकता कानून पर हिंदू-मुस्लिम कर विभाजनकारी नीति अपना रहा है और लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है।"
कमलनाथ के मंत्री पीसी शर्मा ने साध्वी प्रज्ञा के धरने की तुलना 'एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी' वाले कहावत से की है। उन्होंने आरोप लगाया कि गोडसे को महिमामंडित करने के कारण ही साध्वी प्रज्ञा को रक्षा सम्बन्धी संसदीय समिति में शामिल किया गया था।