पी चिदंबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका और गिरफ़्तारी से राहत प्रदान करने का निवेदन, जस्टिस गौड़ ने दोनों खारिज़ कर दी। कॉन्ग्रेस आज उन पर आरोप लगा रही है लेकिन 4 साल पहले सोनिया-राहुल चाहते थे कि जस्टिस गौड़ ही नेशनल हेराल्ड मामले को सुनें। समझें पूरा मसला यहाँ।
मोइली ने कहा कि जयराम रमेश ऐसे बयान देकर कॉन्ग्रेस का नुक़सान पहुँचा रहे हैं। उनके जैसे नेता पार्टी जब जीतती है तो सत्ता भोगते हैं और जब विपक्ष में रहती है तो सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में बोलते हैं। लगता है उन्होंने भाजपा से समझौता कर लिया है।
हो सकता है कि कल को अगर देश को नया वित्त मंत्री मिल जाए तो वह ख़ुद को स्ट्रिपटीज डांस में ही पारंगत न घोषित कर दें! या फिर वह अबकी पोल डांस भी चुन सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकारते हुए कहा था कि जब देश में आम लोगों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, तब हाई प्रोफाइल लोगों को जेड श्रेणी सुरक्षा कवर क्यों दिया गया? उस समय एक पाँच वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हुई थी।
एजेएल ही वह कम्पनी है जो नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करती है और इसमें गाँधी परिवार की अच्छी-ख़ासी हिस्सेदारी है। इससे पहले ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस मामले में पंचकुला में स्थित प्रॉपर्टी जब्त कर ली थी।
सुरभि ने ट्विटर पर लिखा कि सावरकर की प्रतिमा उन स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा के साथ नहीं लगाई जानी चाहिए, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी। सुरभि ने लिखा कि सावरकर अंग्रेजों को क्षमा याचिकाएँ लिखा करते थे।
पिछले दिनों जयराम रमेश ने कहा था कि पीएम मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है। उनके काम को स्वीकार नहीं करना और हर समय खलनायक की तरह पेश कर कुछ हासिल नहीं होने वाला है। सिंघवी और थरूर ने उनके बयान का समर्थन किया था।
पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इस केस के कई साल बीतने के बाद भी सीबीआई के पास चार्जशीट में उनके पिता का नाम नहीं है। कार्ति ने कहा कि देश के कई बड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है।
"2019 में दोबारा सरकार में आने पर भाजपा एक नया संविधान लिख सकती है, जिससे राष्ट्र पाकिस्तान बनने के मार्ग पर बढ़ जाएगा। फिर, राष्ट्र में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सामने करने वाला कोई नहीं होगा।"
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बताया कि उनकी सरकार ने जेडीएस की तुलना में कॉन्ग्रेस विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अधिक धन आवंटित किया था, लेकिन फिर भी सरकार गिरने का दोष उन्हें ही दिया जा रहा है