CM को पूरा भरोसा था सूमो बाबू पर! पर उनकी दिल्ली में आज की परिस्थिति में कितनी सुनी जाती है? खैर, और कोई चारा नजर नहीं आ रहा था। चारा- यह शब्द कितने पुराने समीकरण याद दिला देता था।
तेलंगाना हाईकोर्ट ने पूछा है कि लॉकडाउन में समुदाय विशेष पर ही ज्यादा मुकदमे क्यों? यह भी तो हो सकता है कि कोई समुदाय शांतिप्रिय हो, और कोई सिर्फ शांतिप्रिय कहलाता हो, लेकिन उपद्रव करने में अग्रणी हो?
भारत आपदा में रोने वाला देश नहीं है, बल्कि संकट को अवसर में बदलने के लिए गंभीर है। उन्होंने बताया कि कैसे हम आयात पर निर्भरता कम करेंगे और युवाओं को रोजगार देकर भारत को मजबूत बनाएँगे।