Friday, June 20, 2025
Homeविविध विषयअन्यग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने बाजार में उतारी कोरोना संक्रमण की दवा: DCGI ने दी मंजूरी,...

ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने बाजार में उतारी कोरोना संक्रमण की दवा: DCGI ने दी मंजूरी, ₹103 प्रति टैबलेट

"कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के कारण हमारी हेल्थ सर्विस सिस्टम काफी दबाव में है। मैं आशा करता हूँ कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को बहुत हद तक कम करने में मदद मिलेगी। क्लिनिकल परीक्षणों में फैबिफ्लू द्वारा कोरोना वायरस के हल्के संक्रमण से पीड़ित मरीजों के इलाज के बाद काफी अच्छे परिणाम मिले हैं।"

बाजार में कोरोना वायरस संक्रमण की दवा उपलब्ध हो गई है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) ने ये कारनामा किया है। हालाँकि, ये दवा उन्हीं लोगों पर काम करेगी, जो इस संक्रमण से मामूली रूप से पीड़ित हैं या फिर जो कोरोना वायरस संक्रमण के शुरुआती स्टेज में हैं। इस एंटीवायरल दवा का नाम फेविपिराविर है, जिसे फैबिफ्लू नामक ब्रांड नेम से बाजार में उतारा गया है।

मुंबई की कम्पनी ने शनिवार (जून 20, 2020) को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) द्वारा इस दवा के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए पहले ही अनुमति दी जा चुकी है। फैबिफ्लू को कोविड-19 के संक्रमण के इलाज के लिए फेविपिराविर नामक ड्रग या दवा बताया गया है, जिसका उत्पादन कम्पनी कर रही है। ग्लेमार्क फार्मास्युटिकल्स के सीएमडी (CMD) ग्लेन सल्दान्हा ने इसकी पुष्टि की है।

सल्दान्हा ने ध्यान दिलाया कि ये मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या पहले के मुकाबले काफ़ी ज्यादा तेज़ी से बढ़ रही है। अब तक के आँकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3,96,874 हो गई है, जिनमें से 1,69,253 सक्रिय मामले हैं और 2,14,599 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। हालाँकि, 12,972 लोगों की मौत चिंता का विषय है, जिसे लेकर केंद्र सरकार लगातार राज्यों से चर्चा कर रही है। सल्दान्हा ने कहा:

“कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के कारण हमारी हेल्थ सर्विस सिस्टम काफी दबाव में है। मैं आशा करता हूँ कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को बहुत हद तक कम करने में मदद मिलेगी। क्लिनिकल परीक्षणों में फैबिफ्लू द्वारा कोरोना वायरस के हल्के संक्रमण से पीड़ित मरीजों के इलाज के बाद काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। यह इंजेक्शन नहीं बल्कि खाई जाने वाली दवा है जो इलाज का एक सुविधाजनक रास्ता है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हैदराबाद में पकड़ा गया चाइल्ड पोर्न वाला गैंग, IIT इंजीनियर था मेम्बर: मानव तस्करी में भी शामिल होने का शक, पीड़िता ने बताया- ₹1.10...

हैदराबाद में ऑनलाइन चाइल्ड पोर्न अपलोड करने वाले 1 आईआईटी इंजीनियर समेत 15 लोग गिरफ्तार। एसटी महिलाओं की तस्करी का भी आरोप

चार साल की बच्ची का किया रेप, मरा समझ कर फेंका… MP हाई कोर्ट ने रेपिस्ट की मौत की सजा बदली: कहा- कम उम्र...

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 4 साल की बच्ची से रेप के दोषी 20 साल के एक जनजातीय युवक की फाँसी की सजा को उम्रकैद में बदल दी है।
- विज्ञापन -