सारे एग्जिट पोल्स में अपनी सरकार बनने की भविष्यवाणियों के बाद भी केजरीवाल एंड पार्टी शायद जमीनी हकीकत से वाकिफ है और इसीलिए प्रतिकूल चुनाव परिणामों के लिए ईवीएम को दोषी ठहराने के बाद अब चुनाव आयोग को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
चुनाव आयोग ने केजरीवाल को विवादित वीडियो ट्वीट करने के लिए नोटिस भेजी। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को इस नोटिस का जवाब 8 फरवरी शाम 5 बजे तक देने का निर्देश दिया है।
मकर संक्रांति के दिन तीस हजारी कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हमे जगह मिले तो हर एक कोर्ट और बार में भी मोहल्ला क्लीनिक बना देंगे।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि चुनाव आयोग बेहतर तरीके से अपने काम को अंजाम दे रहा है। आयोग को बदनाम करने का कोई भी प्रयास पूरी चुनाव प्रक्रिया को बदनाम कर देगा, इसीलिए इससे बचा जाना चाहिए।
2017-18 की तुलना में कॉन्ग्रेस पार्टी के चुनावी बॉन्ड की बात करें तो यह 5 करोड़ रुपए से बढ़कर साल 2018-19 में 383 करोड़ रुपए पर पहुँच गई है। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दिया है, वहीं से यह डेटा लिया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि चुनाव सिंगल फेज में होगा और इसके लिए 14 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा। नॉमिनेशन की अंतिम तिथि 21 जनवरी होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 24 जनवरी रखी गई है।
झारखंड की एक चुनावी सभा में राहुल गाँधी ने कहा था, “पहले 'मेक इन इंडिया' था, लेकिन अब यह 'रेप इन इंडिया' बन गया है।” इस बयान को लेकर उनकी काफी किरकिरी हुई थी। लोकसभा में भाजपा ने इसके लिए उनसे माफी की मॉंग भी की थी।
देश में चुनाव व्यवस्था में शुचिता, पारदर्शिता लाने का श्रेय उन्हीं को दिया जाता है। भारत में चुनाव व्यवस्था में जब-जब सुधार की बात की जाएगी, तब-तब शेषन को याद किया जाएगा।
जिन कंपनियों को लवासा मामले में खोजबीन करने के लिए कहा है, उनमें एनटीपीसी, एनएचपीसी लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड और आरईसी लिमिटेड शामिल हैं। इस पत्र के साथ ऊर्जा मंत्रालय ने एक सूची भी नत्थी की है, जिसमें उन 14 कंपनियों के नाम हैं जिनमें अशोक लवासा की पत्नी नावेल लवासा डायरेक्टर के पद पर तैनात रह चुकीं हैं।
झारखंड के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इनमें से 13 अति संवेदनशील हैं। इन जिलों में विधानसभा की 67 सीटें हैं। यही कारण है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम को ध्यान में रखते हुए चुनाव पॉंच चरणों में कराने का फैसला लिया गया है।