जब भारत सरकार का रुख साफ़ है कि पूरा का पूरा जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और यह हमारा आंतरिक मुद्दा है, ऐसे में इन प्रोपेगेंडा पोर्टल्स द्वारा पाकिस्तानी अजेंडे को आगे बढ़ाना कहाँ तक उचित है?
ऑपइंडिया तीखी-मिर्ची सेल की ख़ुफ़िया रिपोर्ट्स की मानें तो इन आतंकियों को उत्तर प्रदेश पुलिस की निगरानी में मात्र 'ठाँय-ठाँय' के ही स्वर से जन्नत-ए-फ़िरदौस की पहली यात्रा ट्रायल के तौर पर करवाई जाएगी।
खूँखार आतंकियों और पाकिस्तान समर्थित अलगाववादियों की घाटी में 'क्षमता' देखते हुए उन्हें आगरा के जेल में शिफ्ट किया गया है। इस खबर के बाद लोग सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ के मीम शेयर करने लगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए खुद घाटी में हैं। उनका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वे कश्मीरियों के साथ खाना खाते और बतियाते नजर आ रहे हैं।
अमेरिकी नेताओं ने कहा है, "पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी लोकतंत्र का स्तंभ है और हमें उम्मीद है कि भारत सरकार इन सिद्धांतों का पालन करेगी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के पास मौक़ा है कि वह दिखाए कि उसके लिए सभी नागरिक महत्वपूर्ण हैं। "
कश्मीर में जब तक 370 था तबतक लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु के बाद ही हो, ऐसा कोई कानून नहीं चलता था। बाल विवाह भी होता था इसलिए करीब दस साल पहले दसवीं में पढ़ने वाली ये बच्चियाँ आज कहाँ होंगी ये तो पता नहीं।
संसद में उन्होंने कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताया था, लेकिन अब मीडिया के सामने वह इसे भारत का आंतरिक मुद्दा बता रहे हैं (जो कि सही है और भारत का स्टैंड भी है)। आख़िर अधीर रंजन को ये समझने में इतने दिन क्यों लग गए?
25 वर्षीय असलम ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों ने उनसे मारपीट की और उनका बैग लेकर कहा, "भागो बिहारी इधर से।" एक दूसरे प्रवासी को ऐसे धमकी दी गई - "अगर तुम मुझे कल दिखे तो मैं तुम्हें मारूँगा और केरोसीन से जला दूँगा।"
लोगों ने मलाला से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा। ज्ञात हो कि वहाँ हिन्दुओं, सिखों और बौद्धों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने इससे पहले 27 मार्च को देश को सम्बोधित किया था। तब उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष में सक्रिय सैटेलाइट को मार गिरा कर भारत यह क्षमता हासिल करने वाले देशों में शुमार हो गया है।