केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा लोकसभा में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी गई कि अगस्त 2019 के बाद से अब तक वहाँ 2 बाहरी लोगों ने जमीन ली है।
हर 6 महीने में हजारों कर्मचारियों की जम्मू और श्रीनगर में अदला-बदली की जाती थी। इसके तहत फाइलों और दूसरे सामानों को भी एक जगह दूसरी जगह ले जाया जाता था।
एनआईए ने 5 फरवरी 2021 को इस जमात-ए-इस्लामी पर अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मामला दर्ज किया था। इससे पहले इसे केंद्र प्रतिबंधित घोषित कर चुकी है।
स्वतंत्रता दिवस से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर स्थित घंटाघर तिरंगे से जगमगा रहा है। लद्दाख में यात्रा के लिए पर्यटकों को अब परमिट लेने की कोई ज़रूरत नहीं है।
आर्टिकल 370 हटाने के मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले से न केवल जम्मू-कश्मीर में जमीन पर बड़े बदलाव आए हैं, बल्कि दशकों से उपेक्षित लद्दाख ने भी विकास के नए रास्ते देखे हैं।
जम्मू और कश्मीर के अलावा NIA की टीम बेंगलुरु और मंगलौर पहुँची। मंगलौर में स्वर्गवासी कॉन्ग्रेस नेता बीएम इदिनब्बा के बेटे बीएम बाशा और बहू के ISIS से कथित संबंधों के बारे में पूछताछ की गई।